भारत का रुपया खत्म करेगा डॉलर की बादशाहत! रूस के बाद अब ये पड़ोसी देश भी कर सकता है रुपए में कारोबार
डॉलर की कमी से जूझ रहे श्रीलंका ने भारत के रुपये में कारोबार पर सहमति जताई है। अब सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (Sri Lanka) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के अप्रूवल का इंतजार है।
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था की हालत इस समय काफी खराब है। लेकिन इस मुश्किल दौर में भारत ने अपने पड़ोसी देश का साथ खूब दिया है। इस निराशा भले माहौल में अच्छी खबर आई है। डॉलर की कमी से जूझ रहे श्रीलंका ने भारत के रुपये में कारोबार पर सहमति जताई है। अब सेंट्रल बैंक ऑफ श्रीलंका (Central Bank of Sri Lanka) को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India) के अप्रूवल का इंतजार है। आरबीई की हरी झंडी के बाद श्रीलंका, भारतीय रुपये को विदेशी करेंसी के रूप में इस्तेमाल कर पाएगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीलंका बैंक ने स्पेशल वोस्त्रो रुपये अकाउंट (Special Vostro rupee accounts) खोले हैं। इस अकाउंट्स को ओपन करने के बाद श्रीलंका के लोग फिजिकल फॉर्म में 8,26,823 रुपये रख सकते हैं। इसके अलावा श्रीलंका और भारत के लोग एक दूसरे से व्यापार करने के लिए डॉलर की जगह रुपये का प्रयोग कर सकता है। बता दें, रूस बहुत जल्द रुपये में कारोबार शुरू करने वाला पहला देश बन सकता है।
इसका फायदा भारतीय रुपये को कैसे होगा?
सामान्य तौर पर जब हम आस-पास के किसी बाजार में दुकान से सामान खरीदते हैं तब रुपये में लेन-देन करते हैं। लेकिन जब विदेशों से सामान की खरीद और बिक्री होती है तो उसके लिए डॉलर का उपयोग करते हैं। जिसका फायदा अमेरिका को होता है। लेकिन जैसे-जैसे अलग-अलग देश रुपये में ट्रेड करने लगेंगे वैसे हमारी निर्भरता कम होने लगेगी। यानी डॉलर के वर्चस्व को चुनौती मिलनी शुरू हो जाएगी।
ये देश भी रुपये ट्रेड करने का विचार कर रहे हैं ...
श्रीलंका और रूस ही नहीं, तजाकिस्तान, क्यूबा, सुडान जैसे देश भी रुपये में कारोबार करने की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। रुपये के इंटरनेशनल लोकप्रियता का फायदा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए काफी लाभदायक हो सकता है। इससे भारत का व्यापार घाटा कम होगा।
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