शेयर बाजार देगा अभी और दर्द! खत्म नहीं हुआ है बुरा दौर, 29 साल पुराना जख्म फिर हुआ हरा
- Stock Market Crash: कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे, यूएस टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों के द्वारा की जा रही निकासी ने निफ्टी को सितंबर तिमाही के उच्चतम स्तर 15 प्रतिशत नीचे ढकेल दिया है।
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Stock Market News: शेयर बाजार इस समय गिरावट के दर्द से कराह रहा है। निफ्टी50 लगातार 5वें महीने गिरावट के साथ बंद हुआ। 1996 के बाद पहली बार ऐसा बुरा दौर निफ्टी ने देखा। यानी 29 साल के बाद फिर से वह कठिन समय निवेशकों के सामने आकर खड़ा हो गया है। जिस हिसाब से FPI के द्वारा शेयरों की बिक्री की जा रही है और वैश्विक स्तर पर हलचल मची हुई है उससे साफ लग रहा है कि आने वाला दौर भी अभी और बुरा होगा।
सितंबर से 15% टूट चुका है निफ्टी
कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे, यूएस टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों के द्वारा की जा रही निकासी ने निफ्टी को सितंबर तिमाही के उच्चतम स्तर 15 प्रतिशत नीचे ढकेल दिया है। इस गिरावट की वजह से निवेशकों को 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है।
Stock Market News: शेयर बाजार इस समय गिरावट के दर्द से कराह रहा है। निफ्टी50 लगातार 5वें महीने गिरावट के साथ बंद हुआ। 1996 के बाद पहली बार ऐसा बुरा दौर निफ्टी ने देखा। यानी 29 साल के बाद फिर से वह कठिन समय निवेशकों के सामने आकर खड़ा हो गया है। जिस हिसाब से FPI के द्वारा शेयरों की बिक्री की जा रही है और वैश्विक स्तर पर हलचल मची हुई है उससे साफ लग रहा है कि आने वाला दौर भी अभी और बुरा होगा।
सितंबर से 15% टूट चुका है निफ्टी
कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे, यूएस टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता और विदेशी निवेशकों के द्वारा की जा रही निकासी ने निफ्टी को सितंबर तिमाही के उच्चतम स्तर 15 प्रतिशत नीचे ढकेल दिया है। इस गिरावट की वजह से निवेशकों को 1 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा है।
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अभी और गिरावट के मिल रहे संकेत
46 बिलियन डॉलर के फंड को मैनेज कर रही एसेट कंपनी आदित्य बिरला सन लाइफ एसेट मैनेजमेंट कंपनी के चीफ इंवेस्टमेंट ऑफिसर महेश पाटिल कहते हैं, “मौजूदा शेयर मार्केट में अमेरिका के टैरिफ को लेकर अनिश्चितता का दौर बना हुआ है। जिसकी वजह से अभी भारतीय स्टॉक मार्केट और संभर्ष करता हुआ नजर आ सकता है।” हालांकि, अधिक बिक्री की वजह से आने वाले समय में कुछ तेजी देखने को मिल सकती है। महेश पाटिल कहते हैं, “भारतीय बाजार में अगले कुछ महीने के दौरान तेजी में बिक्री का माहौल बना रहेगा।”
विदेशी निवेशकों ने निकाल 25 बिलियन डॉलर
FPI ने सितंबर के अंत से अबतक 25 बिलियन डॉलर की कीमत के शेयर भारतीय बाजारों में बेच दिए हैं। अकेले फरवरी के महीने में 4.1 बिलियन डॉलर की बिक्री हुई है। इस बिक्री के दौरान घरेलू निवेशकों ने खूब खरीदारी की है। लेकिन उनके लिए चिंता की बात यह है कि घरेलू स्तर पर पैसा के बहाव पर असर पड़ा है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के सीईओ प्रतीक गुप्ता कहते हैं, “ओवरआल नेट फ्लो ठीक है। लेकिन अधिकतर लोकर म्युचुअल फंड्स, इंश्योरेंस और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट फंड्स गिरावट को महसूस कर रहे हैं।” लार्ज कैप की तुलना में स्मॉल कैप और मिड कैप स्टॉक को ज्यादा बड़ा झटका लगा है। अकेले फरवरी के महीने में निफ्टी स्मॉल कैप 100 और मिड-कैप 100 में क्रमशः 13.2 प्रतिशत और 11.3 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है।
(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले सूझ-बूझ के साथ फैसला करें। यहां प्रस्तुत एक्सपर्ट्स के विचार निजी हैं। लाइव हिन्दुस्तान इस आधार पर शेयरों को बेचने और खरीदने की सलाह नहीं देता है।)
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