ऑपरेशन सिंदूर के बाद शेयर बाजार तेजी के साथ बंद, BSE-NSE का बड़ा फैसला!
Indian Stock Market Update 7 May: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे पर भारतीय सशस्त्र बलों के सटीक हमलों के बाद भारतीय शेयर बाजार फोकस में है।

Indian Stock Market Update 7 May: ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे पर भारतीय सशस्त्र बलों के सटीक हमलों के बाद भारतीयर शेयर बाजार फोकस में है। पाक पर पलटवार के बाद अब भारतीय शेयर बाजार को लेकर भी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है कि एनएसई और बीएसई ने अस्थायी रूप से विदेशी यूजर्स के लिए अपनी वेबसाइट तक पहुंच प्रतिबंधित कर दी है। बता दें कि आज शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट देखी गई थी। हालांकि, बाजार खुलने के मिनटों में ही सेंसेक्स और निफ्टी में तेजी आ गई। बेहद उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 105.71 अंक बढ़कर 80,746.78 अंक पर बंद हुआ और एनएसई निफ्टी 34.80 अंक चढ़कर 24,414.40 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स सुबह 9:30 बजे 80,761.92 अंक पर पहुंच गया। इसमें 120.85 अंक यानी 0.15 % की तेजी दर्ज की गई। वहीं, निफ्टी 52.80 (0.22%) अंक चढ़कर 24,432.40 पर कारोबार कर रहा है। दोपहर 12.53 बजे सेंसेक्स 80,662.97 पर ट्रेड कर रहा था। इसमें 21.90 अंक यानी 0.03% की तेजी दर्ज की गई थी।
शेयर बाजार को लेकर लिया गया बड़ा फैसला
इस बीच खबर है कि भारत के प्रमुख दो एक्सचेंजों, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बीएसई लिमिटेड ने अस्थायी रूप से विदेशी यूजर्स के लिए अपनी वेबसाइट तक पहुंच प्रतिबंधित कर दी है। सूत्रों ने बताया कि इससे विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजारों में व्यापार करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साइबर अटैक से बचने के लिए मंगलवार को एक्सचेंजों की संयुक्त बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया। रॉयटर्स द्वारा संपर्क किए जाने पर बीएसई के प्रवक्ता ने भी साइबर खतरों का जिक्र किया, लेकिन यह नहीं बताया कि एक्सचेंज को हाल ही में किसी साइबर खतरे का सामना करना पड़ा है या नहीं।
सुबह 180 अंकों तक टूटा था सेंसेक्स
बता दें कि इससे पहले बीएसई सेंसेक्स आज 180.48 अंक टूटकर यानी 0.22% गिरावट के साथ 80,460.59 अंक पर ओपन हुआ था। वहीं, एनएसई निफ्टी में 25.60 अंक यानी 0.11% गिरावट के साथ पर 24,354.00 पर ओपन हुआ था। बता दें कि इससे पहले GIFT निफ्टी ने हल्की नकारात्मक शुरुआत का संकेत दिया है। सुबह 7:03 बजे तक, GIFT निफ्टी 104 अंक या 0.43% की गिरावट के साथ 24,308 पर था।
एशियाई बाजार
संभावित अमेरिकी-चीन ट्रेड बातचीत के कारण एशियाई बाजारों में तेजी रही। जापान के निक्केई 225 में 0.22% की वृद्धि हुई, जबकि टॉपिक्स में 0.38% की वृद्धि हुई। दक्षिण कोरिया के कोस्पी में 0.32% की वृद्धि हुई और कोसडैक में 0.7% की गिरावट आई। हांगकांग के हैंग सेंग इंडेक्स फ्यूचर्स ने बढ़त के संकेत दिए।
मंगलवार का हाल
बता दें कि बैंकिंग एवं पेट्रोलियम शेयरों में मुनाफावसूली आने और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से निवेशकों के सतर्क रुख अपनाने के कारण को स्थानीय शेयर बाजारों में गिरावट थी। सेंसेक्स 156 अंक फिसल गया, जबकि निफ्टी में 82 अंक की गिरावट दर्ज की गई। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित मानक सूचकांक सेंसेक्स दो दिन की बढ़त को रोकते हुए 155.77 अंक यानी 0.19 प्रतिशत गिरकर 80,641.07 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 315.81 अंक गिरकर 80,481.03 अंक पर आ गया था। एनालिस्ट्स ने कहा कि नीतिगत दर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय से पहले और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता पर चिंताओं से कारोबारी गतिविधियां सीमित दायरे में रहीं। बता दें कि पहलगाम अटैक के बाद भारतीय शेयर बाजार में लगातार अच्छी तेजी देखी गई है।
विदेशी निवेशक लगातार खरीद रहे भारतीय शेयर
विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार 14 सेशंस से भारतीय इक्विटी बाजारों में शुद्ध खरीदार बने हुए हैं, मंगलवार को एक और ₹3,800 करोड़ की शुद्ध खरीद हुई। पिछले 14 कारोबारी सत्रों में, विदेशी संस्थानों ने भारतीय इक्विटी में लगभग ₹45,000 करोड़ का निवेश किया है।
रुपये में गिरावट
इधर, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर में कई स्थानों पर हवाई हमले करने के बाद बुधवार को नॉन-डिलीवरेबल फॉरवर्ड (एनडीएफ) बाजार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए में गिरावट आई। एनडीएफ ने संकेत दिया कि ऑनशोर स्पॉट मार्केट खुलने पर रुपया 84.64-84.68 पर कारोबार करने की संभावना है। बढ़ती वैश्विक अनिश्चितता और जोखिम उठाने की क्षमता के सतर्क पुनर्मूल्यांकन के बीच मंगलवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया पांच पैसे की गिरावट के साथ 84.35 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और विदेशी कोषों का निवेश बढ़ने से डॉलर-रुपये की जोड़ी को समर्थन मिला, जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे भू-राजनीतिक तनाव ने निवेशकों की कारोबारी धारणा को प्रभावित किया, जिससे रुपये पर दबाव रहा।