मोदी की वापसी से गदगद शेयर बाजार, किया मालामाल, इन कंपनियों का हुआ तगड़ा फायदा
Stock Market News: पिछले हफ्ते सेंसेक्स रिकॉर्ड हाई पर पहुंचने में सफल रहा है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के मार्केट कैप में तेज इजाफा देखने को मिला है।
Stock Market News Updates: पिछले सप्ताह 10 सबसे मूल्यवान घरेलू कंपनियों में आठ ने अपने बाजार मूल्यांकन में कुल मिलाकर 3.28 लाख करोड़ रुपये जोड़े। इस दौरान टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, हिंदुस्तान यूनिलीवर और रिलायंस इंडस्ट्रीज को सर्वाधिक लाभ हुआ। उतार-चढ़ाव से भरे सप्ताह में बीएसई सेंसेक्स 2,732.05 अंक या 3.69 प्रतिशत उछल गया।
इन कंपनियों को फायदा
शीर्ष 10 कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) और आईटीसी को लाभ हुआ। इन कंपनियों ने अपने बाजार मूल्यांकन में कुल 3,28,116.58 करोड़ रुपये जोड़े। शीर्ष 10 कंपनियों में भारतीय स्टेट बैंक और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के बाजार मूल्यांकन में गिरावट हुई।
समीक्षाधीन सप्ताह में टीसीएस का बाजार मूल्यांकन 80,828.08 करोड़ रुपये बढ़कर 14,08,485.29 करोड़ रुपये हो गया। हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 58,258.11 करोड़ रुपये जोड़े, जिससे इसका बाजार मूल्यांकन 6,05,407.43 करोड़ रुपये हो गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज का मूल्यांकन 54,024.35 करोड़ रुपये बढ़कर 19,88,741.47 करोड़ रुपये और इंफोसिस का मूल्यांकन 52,770.59 करोड़ रुपये बढ़कर 6,36,630.87 करोड़ रुपये हो गया।
एचडीएफसी बैंक का मूल्यांकन 32,241.67 करोड़ रुपये बढ़कर 11,96,325.52 करोड़ रुपये और भारती एयरटेल का मूल्यांकन 32,080.61 करोड़ रुपये बढ़कर 8,10,416.01 करोड़ रुपये हो गया। दूसरी ओर एलआईसी का मूल्यांकन 12,080.75 करोड़ रुपये घटकर 6,28,451.77 करोड़ रुपये और भारतीय स्टेट बैंक का बाजार मूल्यांकन 178.5 करोड़ रुपये घटकर 7,40,653.54 करोड़ रुपये रह गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक और भारती एयरटेल का स्थान रहा।
FPI ने जून में इक्विटी से 14,800 करोड़ रुपये निकाले
विदेशी निवेशकों ने इस महीने के पहले हफ्ते में घरेलू शेयरों से करीब 14,800 करोड़ रुपये निकाले। भारत के आम चुनाव के नतीजों और चीन के शेयरों के आकर्षक मूल्यांकन से प्रभावित होकर उन्होंने ऐसा किया। चुनाव नतीजों की अनिश्चितता, मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में लगातार बढ़ोतरी के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में 25,586 करोड़ रुपये और अप्रैल में 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की शुद्ध निकासी की थी।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि इससे पहले, एफपीआई ने मार्च में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था। उन्होंने जनवरी में 25,743 करोड़ रुपये निकाले थे।
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