अडानी विल्मर में 13.51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के ऐलान के बाद गिरे शेयर
- Adani Wilmar Share Price: कंपनी के प्रमोटर अडानी कमोडिटीज एलएलपी द्वारा अडानी विल्मर में 13.51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के ऐलान के बाद अडानी विल्मर के शेयर में दोपहर डेढ़ बजे गिरावट दर्ज की जा रही थी। इसमें 0.44 पर्सेंट की गिरावट थी और यह 272 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा था।
अडानी ग्रुप के अन्य शेयरों की तेजी की तुलना में अडानी विल्मर के शेयर आज फ्लैट रहे। कंपनी के प्रमोटर अडानी कमोडिटीज एलएलपी द्वारा अडानी विल्मर में 13.51 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के ऐलान के बाद अडानी विल्मर के शेयर में दोपहर डेढ़ बजे गिरावट दर्ज की जा रही थी। इसमें 0.44 पर्सेंट की गिरावट थी और यह 272 रुपये के आसपास ट्रेड कर रहा था।
अडानी कमोडिटीज एलएलपी ने शेयर बिक्री के डिटेल्स का खुलासा करते हुए कहा कि वह अडानी विल्मर लिमिटेड ('कंपनी') के प्रमोटरों में से एक है और उसने 1 रुपये के फेस वैल्यू वाले के 17,56,01,314 इक्विटी शेयर बेचे हैं, जो कंपनी की कुल जारी और चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 13.51 प्रतिशत है। बिक्री 10 जनवरी, 2025 और 13 जनवरी, 2025 को ऑफर फॉर सेल (OFS) तंत्र के माध्यम से आयोजित की गई थी।
होल्डिंग्स की बिक्री BSE लिमिटेड और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की नामित OFS विंडो के माध्यम से की गई थी, जो SEBI द्वारा जारी "स्टॉक एक्सचेंज सिस्टम के माध्यम से शेयरों की बिक्री की पेशकश (OFS)" पर व्यापक फ्रेमवर्क का पालन करती है।
स्टॉक प्राइस ट्रेंड
स्टॉक 275 रुपये पर आधा प्रतिशत अधिक खुला, जो इसका दिन का उच्च स्तर भी था, लेकिन बाद में लगभग 1 प्रतिशत गिरकर अपने दिन के निचले स्तर 272 रुपये पर आ गया। यह अब फरवरी 2024 में हिट किए गए 408.70 रुपये के अपने 52-सप्ताह से 33 प्रतिशत से अधिक दूर है। इस बीच, यह 14 जनवरी को अपने 52 सप्ताह के निचले स्तर 257.95 रुपये से सिर्फ 5 प्रतिशत मजबूत हुआ है। स्टॉक पिछले 1 वर्ष में 24 प्रतिशत से अधिक टूट चुका है और जनवरी में अब तक 17 प्रतिशत गिर गया है।
अडानी की अन्य कंपनियों के शेयरों का हाल
अडानी ग्रुप की अन्य कंपनियों के शेयरों में गुरुवार, 16 जनवरी को इंट्रा-डे ट्रेडिंग में 5 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। वह भी तब जब शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के फाउंडर ने फर्म बंद करने का ऐलान किया।
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च के संस्थापक नाथन एंडरसन ने एक नोट में कहा, "जैसा कि मैंने पिछले साल के अंत से परिवार, दोस्तों और हमारी टीम के साथ साझा किया है, मैंने हिंडनबर्ग रिसर्च को भंग करने का निर्णय लिया है।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने 2023 में सुर्खियां बटोरीं जब इसने एक ऐसी रिपोर्ट जारी की जिसमें अडानी ग्रुप पर ऑफशोर टैक्स हैवन का अनुचित तरीके से उपयोग करने का आरोप लगाया गया। रिपोर्ट के बाद अडानी समूह के शेयर लुढ़क गए, जिससे उसके मार्केट कैप में अरबों का सफाया हो गया। हालांकि, अडानी ग्रुप ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि रिपोर्ट निराधार और दुर्भावनापूर्ण थी।
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