लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के दौरान 20 साल बाद मई में आईपीओ की बौछार
- 20 साल में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि मई माह के पहले सप्ताह में ही शेयर बाजार से पैसा जुटाने के लिए नौ आईपीओ पेश होने जा रहे हैं। इनमें तीन बड़ी कंपनियों के और छह एसएमई कंपनियों के आईपीओ हैं।
इस साल लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के दौरान शेयर बाजार में भी कुछ नया देखने को मिल रहा है। करीब 20 साल में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि मई माह के पहले सप्ताह में ही शेयर बाजार से पैसा जुटाने के लिए नौ आईपीओ पेश होने जा रहे हैं। इनमें तीन बड़ी कंपनियों के और छह एसएमई कंपनियों के आईपीओ हैं।
बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, वर्ष 2004 के बाद से पिछले चार आम चुनाव के दौरान मई में एक भी आईपीओ पेश नहीं हुआ है। आमतौर पर, इन वर्षों के दौरान अप्रैल से जून की अवधि चुनावी अनिश्चितता के कारण प्राथमिक बाजारों के लिए धीमी रही है। कंपनियां शेयर बाजार से आईपीओ के जरिए पैसा जुटाने की योजनाओं को किनारे रख देती हैं।
इस साल आएगी तेजी
इस चुनावी साल की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में आईपीओ की शुरुआत धीमी रही। अप्रैल माह में केवल दो आईपीओ पेश किए गए। मई में इसमें तेजी आएगी। इस दौरान छोटे-बड़े कुल नौ आईपीओ पेश किए जाएंगे। गौरतलब है कि इससे पहले भी लोकसभा चुनाव के दौरान पहली तिमाही में आईपीओ बाजार में आए लेकिन मई का महीना पूरा खाली रहा था।
तीन आईपीओ जुटाएंगे 6400 करोड़ रुपये
जो तीन प्रमुख आईपीओ इस सप्ताह पेश किए जाएंगे, उनके जरिए बाजार से करीब 6400 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे। इनमें आधार हाउसिंग फाइनेंस, चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी इंडिजेन और यात्रा क्षेत्र से जुड़ी कंपनी टीबीओ टेक के आईपीओ शामिल हैं। इंडिजेन का आईपीओ छह मई पेश हो चुका है, जो तीन दिन खुला रहेगा। वहीं, आधार हाउसिंग फाइनेंस और टीबीओ टेक का आईपीओ आठ मई को खुलेगा।
मजबूत अर्थव्यवस्था का दम
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि देश में चुनावों के दौरान आईपीओ आने का ये ट्रेंड मजबूत होते बाजार का पुख्ता संकेत है। माना जा रहा है कि नया चलन एक सकारात्मक संकेत है, जो भारतीय पूंजी बाजार के परिपक्व होने और राजनीतिक घटनाक्रमों के बावजूद भारत की दीर्घकालिक वृद्धि गाथा में विश्वास का संकेत देता है। समग्र सकारात्मक आर्थिक भावनाओं, शेयर बाजारों में तेजी और मजबूत प्रवाह के कारण प्राथमिक बाजार की गति जारी है।
एसएमई श्रेणी के आईपीओ
- विंसोल इंजीनियर्स
-रिफ्रैक्टरी शेप्स
- फाइनलिस्टिंग्स टेक्नोलॉजीज
- सिल्कफ्लेक्स पॉलिमर इंडिया
- टीजीआईएफ एग्रीबिजनेस
- एनर्जी-मिशन मशीनरी इंडिया
लोकसभा चुनाव के दौरान आईपीओ
(अप्रैल से जून के दौरान)
किस साल कितने आईपीओ से कितना पैसा जुटाया
2004 में 04 से 262 करोड़
2009 में 01 से 278 करोड़
2014 में 01 से 181 करोड़
2019 में 04 से 3157 करोड़
2024 में 11 से 11,324 करोड़
(नोट : 2004 से 2019 तक अप्रैल और जून में आईपीओ आए। मई में नहीं आया
2024 में अप्रैल में दो और मई में तीन बड़ी कंपनियों के आईपीओ को लिया गया है।
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