विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत, सेबी चेयरमैन बनने के बाद तुहिन कांत पांडे की पहली बोर्ड बैठक, दो बड़े ऐलान
- सेबी ने सोमवार को निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों को एक साल तक अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति देने का फैसला किया। मौजूदा नियमों के तहत निवेश सलाहकार (आईए) ग्राहक की सहमति होने पर दो तिमाहियों तक के लिए अग्रिम शुल्क ले सकते हैं।
SEBI Meeting: बाजार नियामक सेबी के निदेशक मंडल ने सोमवार को विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को बड़ी राहत दी है। सेबी ने एफपीआई की तरफ से विस्तृत खुलासे के लिए निवेश सीमा को दोगुना करके 50,000 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। फिलहाल 25,000 करोड़ रुपये से अधिक एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) वाले एफपीआई के लिए अपने सभी निवेशकों या हितधारकों का डिटेल अंडरलेइंग एनालिसिस के आधार पर देना जरूरी है। बता दें कि नवनियुक्त चेयरमैन पांडेय की अगुवाई में यह निदेशक मंडल की पहली बैठक थी।
सेबी ने क्या कहा?
सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वित्त वर्ष 2022-23 और चालू वित्त वर्ष (2024-25) के दौरान नकद इक्विटी बाजारों में कारोबार की मात्रा दोगुनी से अधिक हो गई है। इसे ध्यान में रखते हुए निदेशक मंडल ने लागू सीमा को मौजूदा 25,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 50,000 करोड़ रुपये करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।’’ पांडेय ने निदेशक मंडल की बैठक के बाद कहा, ‘‘इस तरह से भारतीय बाजारों में 50,000 करोड़ रुपये से अधिक इक्विटी एयूएम रखने वाले एफपीआई को अब अतिरिक्त खुलासे करने की जरूरत होगी।’’
एक अन्य ऐलान भी
इसके अलावा, सेबी ने सोमवार को निवेश सलाहकारों और शोध विश्लेषकों को एक साल तक अग्रिम शुल्क लेने की अनुमति देने का फैसला किया। मौजूदा नियमों के तहत निवेश सलाहकार (आईए) ग्राहक की सहमति होने पर दो तिमाहियों तक के लिए अग्रिम शुल्क ले सकते हैं। शोध विश्लेषकों (आरए) के लिए यह अवधि केवल एक तिमाही थी।
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