₹2500 से टूटकर ₹215 पर आ गया यह शेयर, अब विदेशी निवेशकों ने लगाया बड़ा दांव, 170% चढ़ गया भाव
- अनिल अंबानी की ज्यादातार कंपनियां दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इस वजह से कंपनियों के शेयर भी बुरी तरह क्रैश हो चुके हैं। ऐसा ही एक शेयर- रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का है।
Anil Ambani Company Stock: अनिल अंबानी की ज्यादातार कंपनियां दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही हैं। इस वजह से कंपनियों के शेयर भी बुरी तरह क्रैश हो चुके हैं। ऐसा ही एक शेयर- रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड का है। कंपनी के शेयर साल 2008 से अब तक 2500 रुपये से टूटकर वर्तमान में 215 रुपये पर पहुंच गए हैं। हालांकि, इन दिनों इस शेयर में खरीदारी देखी जा रही है। रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के शेयर बीएसई पर बीते शुक्रवार को 215.05 रुपये प्रति शेयर बंद हुए थे। स्टॉक ने पिछले 3 सालों में 170 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है।
कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न
नवीनतम शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने Q4FY24 में अपनी हिस्सेदारी 11.77 प्रतिशत से बढ़ाकर Q1FY25 में 12.37 प्रतिशत कर दी है। इनमें से दुनिया की सबसे बड़ी निवेश मैनेजमेंट कंपनियों में से एक वैनगार्ड ने अपने वैनगार्ड टोटल इंटरनेशनल स्टॉक इंडेक्स फंड और वैनगार्ड इमर्जिंग मार्केट्स स्टॉक इंडेक्स फंड के जरिए 2.24 प्रतिशत तक की नई हिस्सेदारी हासिल की। इसके अलावा, डीआईआई ने भी मार्च तिमाही के दौरान अपनी हिस्सेदारी 2.16 प्रतिशत से बढ़ाकर जून तिमाही में 2.26 प्रतिशत कर दी है। हालांकि, प्रमुख निवेशक विजय केडिया हालिया तिमाही में अपनी पूरी 1.01 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच दिए। उनका नाम अब बीएसई शेयरहोल्डिंग पैटर्न में दिखाई नहीं दे रहा। इससे पहले, केडिया ने पिछली तिमाही के दौरान कंपनी में लगभग 40 लाख इक्विटी शेयर हासिल किए थे।
कंपनी का कारोबार
रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड बिजली, सड़क, मेट्रो रेल, हवाई अड्डों और रक्षा क्षेत्र जैसे कई क्षेत्रों में विभिन्न विशेष प्रयोजन वाहनों (एसपीवी) के जरिए से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास में लगी सबसे बड़ी बुनियादी ढांचा कंपनियों में से एक है। कंपनी प्रोडक्शन, ट्रांसमिशन, डिस्ट्रिब्यूशन और बिजली कारोबार की मूल्य श्रृंखला में उपस्थिति के साथ एक अग्रणी उपयोगिता कंपनी भी है।
बता दें कि FY24 की चौथी तिमाही में, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 4686 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया। Q4 FY24 के लिए परिचालन लाभ 317 करोड़ रुपये रहा। Q4 FY24 के लिए शुद्ध घाटा 2484 करोड़ रुपये के नुकसान की तुलना में 98 करोड़ रुपये था। सालाना प्रदर्शन पर नजर डालें तो कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 22805 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 22398 करोड़ रुपये था।
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