Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़RBI proposes to reduce cheque clearance time to a few hours in Monetary Policy

चेक क्लियरेंस पर RBI का बड़ा फैसला, अब कुछ ही घंटे में बैंक खाते में आ जाएंगे पैसे

  • RBI Monetary Policy: वर्तमान में चेक जमा करने से लेकर राशि आने तक दो दिन का समय लग जाता है। लेकिन नई व्यवस्था में चेक जमा करने के कुछ ही घंटों में यह ‘क्लियर’ हो जाएगा।

Varsha Pathak एजेंसीThu, 8 Aug 2024 12:49 PM
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RBI Monetary Policy: चेक का निपटान (क्लियरिंग) अब कुछ ही घंटों में हो जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चेक समशोधन में लगने वाले समय को कुछ घंटे करने और उससे जुड़े जोखिम कम करने के मकसद से कदम उठाने की घोषणा की है। वर्तमान में चेक जमा करने (cheque clearance) से लेकर राशि आने तक दो दिन का समय लग जाता है। लेकिन नई व्यवस्था में चेक जमा करने के कुछ ही घंटों में यह ‘क्लियर’ हो जाएगा।

RBI ने क्या कहा?

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने गुरुवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा, ‘‘चेक समाशोधन को दुरुस्त करने, निपटान जोखिम कम करने और ग्राहकों को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के मकसद से चेक ट्रंकेशन सिस्टम (सीटीएस) की वर्तमान प्रक्रिया में बदलाव का प्रस्ताव है।’’ उन्होंने कहा कि इसके तहत मौजूदा सीटीएस व्यवस्था के तहत ‘बैच’ में प्रसंस्करण की जगह कारोबारी समय में निरंतर आधार पर समाशोधन की व्यवस्था की जाएगी।

 

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नई व्यवस्था में कैसे होगा काम

आरबीआई के अनुसार, ‘‘नई व्यवस्था में चेक को ‘स्कैन’ किया जाएगा, उसे प्रस्तुत किया जाएगा और कुछ घंटों में समाशोधन किया जाएगा। इससे चेक का समाशोधन कुछ घंटे में हो जाएगा जबकि अभी दो दिन तक का समय (टी प्लस 1) लगता है। दास ने कहा कि इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जल्दी ही जारी किए जाएंगे। इसके अलावा, आरबीआई ने बैंकों की तरफ से अपने ग्राहकों के बारे में ‘क्रेडिट’ सूचना कंपनियों को दी जाने वाली रिपोर्ट हर पखवाड़े देने का प्रस्ताव किया है। वर्तमान में महीने में एक बार यह रिपोर्ट दी जाती है।

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नौंवी बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं

RBI ने आर्थिक गतिविधियों में जारी तेजी का हवाला देते हुये एवं महंगाई पर कड़ी नजर रखते हुये लगातार नौवीं बार नीतिगत दरों को यथावत रखने का फैसला किया है जिससे ब्याज दरों में कमी की उम्मीद लगाये आम लोगों को निराशा हाथ लगी है। मई 2022 से 250 आधार अंकों तक लगातार छह बार दर वृद्धि के बाद पिछले वर्ष अप्रैल में दर वृद्धि चक्र को रोक दिया गया था और यह अभी भी इसी स्तर पर है।

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