Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़Prosus rs 4114 crore invested in Byju s is lost 9 point 6 percent stake written off

इस कंपनी का बायजू में लगाया ₹4114 करोड़ डूबा, बट्टे खाते में गई 9.6% हिस्सेदारी

  • पिछले साल हजारों कर्मचारियों की छंटनी और खर्च में भारी कटौती के बावजूद, बायजू का वैल्युएशन लगातार गिरता रहा है। प्रोसस ने संकटग्रस्त एडटेक फर्म बायजू में अपनी 9.6 प्रतिशत हिस्सेदारी बट्टे खाते में डाल दी है।

Drigraj Madheshia नई दिल्ली, हिन्दुस्तान संवाददाताTue, 25 June 2024 07:21 AM
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नीदरलैंड की टेक इन्वेस्टर कंपनी प्रोसस ने संकटग्रस्त एडटेक फर्म बायजू में अपनी 9.6 प्रतिशत हिस्सेदारी बट्टे खाते में डाल दी है। इससे कंपनी को 493 मिलियन डॉलर (4,115 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ है। प्रोसस ने सोमवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी। बता दें पिछले साल हजारों कर्मचारियों की छंटनी और खर्च में भारी कटौती के बावजूद, बायजू का वैल्युएशन लगातार गिरता रहा है। यहां तक बायजू कर्ज चुकाने में भी बिफल हो रही है।

स्विगी में प्रोसस की 32.6 प्रतिशत हिस्सेदारी

प्रोसस एक ग्लोबल टेक इन्वेस्टर है। इसका बिजनेस और इन्वेस्टमेंट दुनिया भर के ग्रोथ मार्केट में है। इसने स्विगी और कई अन्य भारतीय कंपनियों में भी निवेश किया है। स्विगी में इसकी 32.6 प्रतिशत हिस्सेदारी है जो 8,000 करोड़ रुपये से अधिक के आईपीओ की योजना बना रही है।

प्रोसस ने कहा, "भारत प्रॉयरिटी में है, और हम वहां अपनी टीमों और निवेशों को मजबूत कर रहे हैं। हम स्थानीय उद्यमियों का समर्थन करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम भारत की घरेलू प्राथमिकताओं के साथ अच्छी तरह से एलाइन हैं।"

ट्रिब्यूनल ने बायजू को दूसरे राइट्स इश्यू से रोका

बता दें नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने हाल ही में बायजू को अपने दूसरे राइट्स इश्यू के साथ आगे बढ़ने पर लाल झंडी दिखा दिया। यह इश्यू 13 मई को शुरू हुआ और 13 जून को समाप्त होना था। ट्रिब्यूनल ने बायजू को दूसरे राइट्स इश्यू से अब तक कलेक्ट किए गए किसी भी फंड का उपयोग करने से भी मना किया है और इस फंड को एक अलग खाते में जमा करने को कहा है।

ट्रिब्यूनल ने दूसरे राइट्स इश्यू से क्यों रोका

यह आदेश कंपनी के निवेशकों जैसे पीक XV पार्टनर्स, जनरल अटलांटिक, चैन-जुकरबर्ग इनिशिएटिव और प्रॉसस द्वारा दायर एक आवेदन में पारित किया गया था। निवेशकों ने बायजू के दूसरे राइट्स इश्यू को रोकने के लिए NCLT में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान निवेशकों ने आरोप लगाया कि बायजू ने 27 फरवरी से पहले राइट्स इश्यू से प्राप्त पैसे को एस्क्रो खाते में जमा नहीं किया था।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसने राइट्स इश्यू में भाग लेने वालों को शेयर आवंटित किए, जहां तक ​​शेयर होल्डिंग का सवाल है, यथास्थिति बनाए रखने के के आदेश की अनदेखी की। फरवरी में एक ईजीएम में निवेशकों के एक समूह ने बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी दिव्या गोकुलनाथ और भाई रिजू रवींद्रन को कंपनी के नेतृत्व से हटाने के लिए प्रस्ताव पारित किए। प्रस्तावों की वैधता अब कर्नाटक हाई कोर्ट में है।

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