म्यूचुअल फंड टॉप कंपनियों पर कर रहे पैसों की बारिश, 3 साल में 35 अरब डॉलर लगाए
- एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस जैसी कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स का निवेश काफी बढ़ चुका है। प्रमुख क्षेत्रों की 27 टॉप कंपनियों में आश्चर्यजनक रूप से 35 अरब डॉलर का निवेश हुआ है।
घरेलू म्यूचुअल फंड ने पिछले तीन वित्त वर्षों में प्रमुख क्षेत्रों की 27 टॉप कंपनियों में आश्चर्यजनक रूप से 35 अरब डॉलर का निवेश किया है। इनमें एचडीएफसी बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस जैसी कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स का निवेश काफी बढ़ चुका है। बीएसई के आंकड़ों का मिंट द्वारा किए गए विश्लेषण के अनुसार, इन म्यूचुअल फंडों के लिए वित्तीय, ऑटोमोबाइल, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और उपभोक्ता सामान जैसे क्षेत्र विशेष रूप से आकर्षक रहे हैं। इनमें इन्होंने जमकर पैसा लगाया है।
नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया ने म्यूचुअल फंड में धन प्रवाह के बारे में उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि म्यूचुअल फंड द्वारा इक्विटी बाजार में निवेश बढ़ता ही रहेगा। उन्होंने कहा, फिलहाल, एसआईपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) से करीब 2.3 अरब डॉलर की रकम बाजार को ऊर्जा दे रही है। वैसे इक्विटी निवेश के मामले में भारत अभी भी कम पैठ वाला बाजार बना हुआ है।
एक अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2024 तक निफ्टी 50 और सेंसेक्स सूचकांकों में 47% से अधिक की वृद्धि के साथ भारतीय शेयर बाजार का प्रदर्शन मजबूत रहा है। निफ्टी ऑटो इंडेक्स में भी 113% से अधिक की वृद्धि देखी गई, निफ्टी बैंक और आईटी सूचकांक में क्रमशः 39% और 34% की महत्वपूर्ण बढ़त हुई।
इन 10 कंपनियों पर जमकर बरसा पैसा
एचडीएफसी बैंक
रिलायंस इंडस्ट्रीज
मारुति सुजुकी
कोटक महिंद्रा बैंक
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज
पावर ग्रिड कॉर्प
हिंदुस्तान यूनिलीवर
इंटरग्लोब एविएशन
बजाज फाइनेंस
कोफोर्ज
खुदरा महंगाई में नरमी से बाजार चढ़ा
स्थानीय शेयर बाजार में मंगलवार को तेजी रही और सेंसेक्स 328 अंक से अधिक के लाभ में रहा। अप्रैल महीने में रिटेल इन्फ्लेशन में नरमी और मार्केट कैप के लिहाज से देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज में खरीदारी से बाजार को समर्थन मिला। सेंसेक्स 73,104.61 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 510.13 अंक तक चढ़ गया था। निफ्टी भी 113.80 अंक की बढ़त के साथ 22,217.85 अंक पर बंद हुआ।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार अंडा, मांस और मसालों के सस्ता होने से खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में नरम होकर 11 महीने के निचले स्तर 4.83 प्रतिशत पर रही। हालांकि, कुल मिलाकर खाने के सामान के दाम इस दौरान मामूली मजबूत हुए।
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