आईटीआर फाइल करने के लिए क्यों जरूरी है फॉर्म-16? नहीं है तो क्या करें
- ITR: फॉर्म-16 यह तय करता है कि नियोक्ता ने टीडीएस जमा करा दिया है। इसमें कंपनी का टैन नंबर, आकलन वर्ष, कर्मचारी का पैन, पता, वेतन विभाजन, करदायी आय आदि की भी जानकारी होती है।
सैलरी वाले लोगों को आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए उसके नियोक्ता की ओर से फॉर्म-16 जारी किया जाता है। यह फॉर्म अमूमन मई तक दे दिया जाता है। यह एक कर्मचारी के कमाए वेतन और नियोक्ता द्वारा वेतन से काटे गए कर की जानकारी देता है। फॉर्म-16 यह तय करता है कि नियोक्ता ने टीडीएस जमा करा दिया है। इसमें कंपनी का टैन नंबर, आकलन वर्ष, कर्मचारी का पैन, पता, वेतन विभाजन, करदायी आय आदि की भी जानकारी होती है।
अगर आप रकम को कहीं निवेश करते हैं और कंपनी को इसके बारे में बताया है तो इसकी भी जानकारी इसमें होती है।
फॉर्म-16 नहीं तो क्या करें
आईटीआर दाखिल करने के लिए अगर फॉर्म-16 नहीं है तो वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) और फॉर्म 26 एएस से भी काम चल जाता है। इन दोनों फॉर्म में पूरे वित्त वर्ष में करदाता द्वारा किए गए सभी लेनदेन, कुल अर्जित आय, निवेश, कंपनी द्वारा काटे गए टीडीएस का पूरा विवरण होता है। इनसे मिलान करके करदाता बिना गलती किए आईटीआर भर सकता है। एआईएस और फॉर्म 26 एएस को आयकर विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
अपना एआईएस कैसे चेक करें
स्टेप 1: अपने वार्षिक सूचना विवरण (AIS) तक पहुंचने के लिए, www.incometax.gov.in पर आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करें। 'Services' टैब के जरिए AIS (Annual Information Statement)पेज पर जाएं।
स्टेप 2: 'Proceed' बटन पर क्लिक करें।
स्टेप 3: यह आपको कंप्लायंस पोर्टल पर रिडायरेक्ट करेगा। आप एआईएस होम पेज पर टीआईएस और वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) देख सकते हैं।
स्टेप 4: अब रेलिवेंट वित्तीय वर्ष का चयन करें और आप यहां करदाता सूचना सारांश (टीआईएस) या वार्षिक सूचना विवरण (एआईएस) देख सकते हैं।
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