Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़IDFC bank ordered to compensate Navi Mumbai man 1 lakh rupees for unauthorised EMI deduction check details

बिना लोन के भी इस बैंक ने वसूली EMI, अब ग्राहक को देना होगा भारी मुआवजा

  • आईडीएफसी बैंक (IDFC Bank) ने एक व्यक्ति से ऐसे कर्ज के लिए मासिक किस्त (EMI) काट ली, जो उसने कभी लिया ही नहीं था।

Varsha Pathak नई दिल्ली, एजेंसी/लाइव हिन्दुस्तान टीमMon, 20 May 2024 09:20 PM
share Share

आईडीएफसी बैंक (IDFC Bank) ने एक व्यक्ति से ऐसे कर्ज के लिए मासिक किस्त (EMI) काट ली, जो उसने कभी लिया ही नहीं था। इस मामले में अब एक उपभोक्ता अदालत ने बैंक को निर्देश दिया है कि नवी मुंबई के उस व्यक्ति को एक लाख रुपये का मुआवजा दे। जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (मुंबई उपनगर) ने बैंक को सेवा में कमी का दोषी मानते हुए उसे ग्राहक को ब्याज सहित 5,676 रुपये की ईएमआई राशि वापस करने के लिए भी कहा। आयोग ने पिछले महीने पारित आदेश को हाल में उपलब्ध कराया।

क्या है दावा?

शिकायतकर्ता ने दावा किया कि उसे पता चला कि बैंक ने फरवरी, 2020 में अपनी पनवेल शाखा में उसके खाते से उस ऋण के लिए ईएमआई काट ली है, जो उसने लिया नहीं था। पूछताछ करने पर बैंक ने शिकायतकर्ता को बताया कि उसे एक ईमेल भेजकर बताया गया था कि यह एक ईसीएस भुगतान था। वह व्यक्ति जब बैंक शाखा में गए, तो उन्हें एक ऋण खाता दिया गया। हालांकि, जब उन्होंने खाते में लॉग इन किया, तो उन्हें ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का एक खत्म हो चुका वाउचर मिला।

 

ये भी पढ़ें:34% बढ़ गया इस कंपनी का मुनाफा, 420% चढ़ गया शेयर, ₹173 पर आया भाव
ये भी पढ़ें:शेयर बाजार निवेशकों के लिए जरूरी खबर, जान लें डीमैट अकाउंट से जुड़ी ये बातें

क्या है डिटेल?

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आईडीएफसी बैंक ने अनिवार्य प्रक्रियाओं का पालन किए बिना और हस्ताक्षर प्राप्त किए बिना धोखाधड़ी से ऋण स्वीकृत किया। उन्होंने दावा किया कि बैंक ने व्यक्तिगत विवरण का दुरुपयोग करके अवैध रूप से 1,892 रुपये की मासिक ईएमआई के साथ 20 महीने की अवधि के लिए 20,000 रुपये का ऋण मंजूर किया था। आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता के अमेजन के साथ पत्राचार से पता चला कि उसे वाउचर के लिए बैंक से कोई राशि नहीं मिली है।

उपभोक्ता आयोग ने कहा कि बैंक का यह बर्ताव एक अनुचित व्यापार व्यवहार के अलावा और कुछ नहीं है। आयोग ने कहा कि ऐसे गैरकानूनी कृत्यों के चलते ईएमआई का भुगतान न करने पर शिकायतकर्ता का सिबिल स्कोर खराब हो गया। आयोग ने बैंक को निर्देश दिया कि वह शिकायतकर्ता को काटी गई ईएमआई ब्याज सहित वापस करे और आदेश मिलने के 60 दिन के भीतर उन्हें सेवा में कमी और मानसिक तथा शारीरिक उत्पीड़न के लिए मुआवजे के रूप में एक लाख रुपये का भुगतान करे। आदेश में बैंक से शिकायतकर्ता को मुकदमे की लागत के लिए 10,000 रुपये का भुगतान करने और शिकायत से संबंधित सिबिल रिकॉर्ड को साफ करने का निर्देश भी दिया गया।

 बजट 2024 जानेंHindi News  ,  Business News की लेटेस्ट खबरें, इनकम टैक्स स्लैब Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।

अगला लेखऐप पर पढ़ें