लिस्टिंग पर नुकसान के बाद हुंडई के शेयर को रखें या बेच दें? नए निवेशक क्या करें…एक्सपर्ट की राय
- Hyundai Motor India IPO: साउथ कोरियाई व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग हुंडई की भारतीय यूनिट हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के शेयरों बीएसई और एनएसई पर 1.48% डिस्काउंट के साथ 1931 लिस्ट हुए। इसका आईपीओ प्राइस 1960 रुपये था।
Hyundai IPO: देश के सबसे बड़े आईपीओ हुंडई मोटर इंडिया की आज मंगलवार, 22 अक्टूबर को शेयर बाजार में एंट्री हो गई है। कंपनी के शेयरों की बाजार में बेहद कमजोर एंट्री रही। साउथ कोरियाई व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग हुंडई की भारतीय यूनिट हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड के शेयरों बीएसई और एनएसई पर 1.48% डिस्काउंट के साथ 1931 लिस्ट हुए। इसका आईपीओ प्राइस 1960 रुपये तय किया गया था। लिस्टिंग के बाद कंपनी के शेयर बीएसई पर 6% तक गिरकर 1846 रुपये के इंट्रा डे लो पर पहुंच गए थे। यानी जिन निवेशकों को हुंडई के शेयर अलॉट हुए हैं, उन्हें पहले ही दिन नुकसान हुआ है। इस बीच, अलॉटी बेहद कंफ्यूज्ड हैं कि उन्हें अब करना चाहिए। इतना ही नहीं नए निवेशक भी इसमें दांव लगाने से डर रहे हैं। एनएसई पर 10.45 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, इस शेयर को खरीदने वालों से अधिक बेचने वाले नजर आ रहे हैं। इस पर बाय क्वांटिटी 7 लाख से अधिक जबकि सेल क्वांटिटी 27 लाख से अधिक है। ऐसे में मार्केट एनालिस्ट का क्या कहना है? आइए जान लेते हैं..
'फिलहाल इंतजार...जल्दीबाजी न करें निवेशक'
केजरीवाल रिसर्च के फाउंडर, अरुण केजरीवाल ने लाइव हिन्दुस्तान से बातचीत में बताया कि कंपनी के शेयरों की फ्लैट लिस्टिंग की ही उम्मीद थी। ऐसे में जिन निवेशकों को यह आईपीओ मिला है, उन्हें अब अगले दो-चार दिनों में 100 रुपये प्रति शेयर का भी मुनाफा होता है तो तुरंत बेच कर निकल जाना चाहिए। वहीं, नए निवेशक इस काउंटर में एंट्री को लेकर जल्दीबाजी न करें। कंपनी के शेयरों में अगले 15 महीनों के बाद ही ग्रोथ की संभावना नजर आ रही है। नए निवेशकों को आने वाले दिनों में कई ऐसे मौके मिलेंगे जब वे इस शेयर में एंट्री कर सकते हैं। केजरीवाल के मुताबिक, यह आईपीओ ओएफएस बेस्ड है, इसलिए कंपनी को इस पेशकश से कोई आय प्राप्त नहीं होगी। इसके अलावा पैसेजर व्हीकल सेगमेंट भी सुस्त है और कुल मिलाकर, ऑटो की कीमत पर कोई छूट नहीं है। इसका असर भी पड़ सकता है। कंपनी के शेयरों को लेकर अगले 3-4 दिनों में बज्ज जरूर रहेगा, लेकिन फिलहाल निवेशक इस शेयर से अधिक मुनाफे की उम्मीद न करें। अरुण केजरीवाल बताते हैं कि एचएमआईएल के तमिलनाडु में इरुंगट्टुकोट्टई और श्रीपेरंबुदूर में दो मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, दोनों चेन्नई शहर के पास हैं। महाराष्ट्र में कंपनी का प्लांट शुरू होने के बाद कंपनी के शेयर पर पॉजिटिव प्रभाव पड़ सकता है। फिलहाल इस शेयर में निवेश जल्दीबाजी होगी। वहीं, दूसरी तरफ भारतीय शेयर बाजार में भी करेक्शन आने की संभावना है।
इसके अलावा, स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के एनालिस्ट के मुताबिक, हुंडई के शेयर में लंबी अवधि के लिए दांव लगाया जा सकता है। वहीं, स्टॉक्सबॉक्स के एक एनालिस्ट के मुताबिक, जिन लोगों को शेयर अलॉट हुए हैं, उन्हें इस पर पकड़ बनाए रखनी चाहिए और आगामी तिमाहियों में कंपनी के प्रदर्शन पर बारीकी से नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा है कि फ्यूचर में इससे मुनाफा हो सकता है।
इधर, लिस्टिंग से पहले ही नोमुरा ने इस ऑटो स्टॉक पर 'बाय' रेटिंग के साथ कवरेज शुरू किया और प्रति शेयर ₹2,472 का टारगेट प्राइस दिया है। ब्रोकरेज के अनुसार, हुंडई मोटर इंडिया टेक्नोलॉजी और स्टाइल पर फोकस है। उसका मानना है कि चल रहे प्रीमियमीकरण से स्टॉक के लिए हाई क्वालिटी वाली वृद्धि होनी चाहिए। नोमुरा को उम्मीद है कि कंपनी 7-8 नए मॉडल (फेसलिफ्ट सहित) द्वारा वित्त वर्ष 2025-27F में 8 प्रतिशत वॉल्यूम सीएजीआर प्रदान करेगी। इसमें लागत में कमी और परिचालन उत्तोलन में सुधार के कारण वित्त वर्ष 2027 तक EBITDA मार्जिन में 14 प्रतिशत का सुधार देखा गया है, जो वित्त वर्ष 24 में 13.1 प्रतिशत था।
एक अन्य विदेशी ब्रोकरेज कंपनी मैक्वेरी ने भी हुंडई मोटर इंडिया पर 'आउटपरफॉर्म' रेटिंग और ₹2,235 के टारगेट प्राइस के साथ कवरेज शुरू की। ब्रोकरेज का मानना है कि हुंडई मोटर इंडिया (एचएमआईएल) को अपने अनुकूल पोर्टफोलियो मिश्रण और प्रीमियम स्थिति के कारण अपने साथियों की तुलना में प्रीमियम मूल्य-से-आय (पी/ई) गुणक पर व्यापार करना चाहिए।
आईपीओ को मिला था ठंडा रिस्पॉन्स
बता दें कि देश के सबसे बड़े इश्यू को बेहद ठंडा रिस्पॉन्स मिला था। तीन दिन में इस इश्यू को केवल 2.37 गुना सब्सक्राइब किया गया था। इसमें भी रिटेल निवेशकों द्वारा बेहद कम सब्सक्राइब किया गया। बता दें कि इस आईपीओ का साइज 27,870 करोड़ रुपये है, जो कि भारतीय शेयर बाजार का सबसे बड़ा आईपीओ है। इसने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के 21,000 करोड़ रुपये के आईपीओ को पीछे छोड़ दिया है। हुंडई मोटर इंडिया आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 1,865-1,960 रुपये तय किया गया था। एनएसई के आंकड़ों के मुताबिक, करीब 27,870 करोड़ रुपये के साइज वाले आईपीओ के तहत की गई 9,97,69,810 शेयरों की पेशकश के मुकाबले 23,63,26,937 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं। पात्र संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) की कैटेगरी को 6.97 गुना, जबकि गैर-संस्थागत निवेशकों के कोटा को 60 प्रतिशत सब्सक्राइब किया गया। रिटेलनिवेशकों के लिए रिजर्व कोटे को केवल 50 प्रतिशत सब्सक्राइब किया गया। कंपनी ने आईपीओ खुलने से पहले बड़े (एंकर) निवेशकों से 8,315 करोड़ रुपये जुटाए थे। कंपनी का यह आईपीओ रिटेल निवेशकों के लिए 15-17 अक्टूबर तक के लिए खुला था।
OFS बेस्ड आईपीओ
यह आईपीओ पूरी तरह से प्रमोटर्स कंपनी हुंडई मोटर कंपनी (एचएमसी) की तरफ से 14,21,94,700 इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित है और इसमें कोई नया इक्विटी शेयर नहीं जारी किया गया है। ऐसी स्थिति में एचएमआईएल को शेयर बिक्री से कोई राशि नहीं मिलेगी। एचएमआईएल ने 1996 में भारत में परिचालन शुरू किया था और फिलहाल यह विभिन्न खंडों में वाहनों के 13 मॉडल बेचती है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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