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शेयर मार्केट में गिरावट का आम लोगों पर इस तरह होगा असर, NPS से PF तक पर पड़ेगा प्रभाव

  • शेयर बाजार डेढ़ महीने के निचले स्तर पर है। बीते छह सत्रों में निवेशकों को लगभग 25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके पहले गुरुवार और शुक्रवार की बिकवाली में निवेशकों को 17 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमTue, 8 Oct 2024 06:07 AM
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Stock Market Impact: घरेलू शेयर बाजारों में चौतरफा बिकवाली सोमवार को भी जारी रही और बाजार में लगातार छठे दिन गिरावट दर्ज की गई। कारोबार के दौरान सेंसेक्स 638 अंक लुढ़क गया। निफ्टी भी 219 अंक के नुकसान में रहा। बाजार में आई इस भारी गिरावट से दोनों मानक सूचकांक डेढ़ माह के निचले स्तर पर आ गए हैं। इस साल बाजार में पहली बार लगातार छह दिनों तक कमजोरी देखने को मिली है। 27 सितंबर से 7 अक्टूबर के बीच सेंसेक्स 4000 अंकों से अधिक अंक टूट चुका है। निफ्टी भी इस दौरान 1300 अंकों का गोता लगा चुका है। विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी के बीच एचडीएफसी बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे बड़ी कंपनियों के शेयरों में बिकवाली से सोमवार को बाजार नीचे आया।

शेयर बाजार में गिरावट का आम लोगों पर क्या पड़ेगा असर

पीएफ खाते की ब्याज दरों पर असर संभव: ईपीएफओ अपनी वार्षिक निधि का 15 फीसदी हिस्सा ईटीएफ में निवेश करता है। पीएफ ब्याज दर इस पर भी निर्भर होती है। शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आने पर संगठन का फंड भी घट जाता है। इससे ब्याज दरों पर असर संभव है।

राष्ट्रीय पेंशन योजना का मुनाफा घटेगा: राष्ट्रीय पेंशन योजना भी शेयर बाजार से मिलने वाले रिटर्न से जुड़ी हुई है। इसका 50 से 70 हिस्सा बाजार में निवेश किया जाता है। इसमें गिरावट होने पर मुनाफे को भी तगड़ा झटका लग सकता है। एनपीएस में 10 से 12 का औसत रिटर्न मिलता है।

एन्यूटी लेने वालों की पेंशन में कमी के आसार: एनपीएस सदस्यों को सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन एन्यूटी प्लान लेना जरूरी होता है। कंपनियां शेयर बाजार में निवेश करती हैं। बाजार में गिरावट से एन्यूटी फंड कम होगा, जिसके चलते पेंशन राशि भी कम हो सकती है।

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उधार लेकर शेयर खरीदने वालों को घाटा: ब्रोकर निवेशकों को उधार की सुविधा देते हैं, जिसे लीवरेज कहते हैं। निवेशक अपनी मूल रकम पर दोगुना या तीन गुना तक उधार लेकर शेयर खरीद सकते हैं। बाजार में बड़ी गिरावट आने पर निवेशक को इसकी भरपाई करनी होती है।

कारोबारी गतिविधियां धीमी होंगी: शेयर बाजारों से करीब 7,500 कंपनियां जुड़ी हैं, जो बाजार से फंड जुटाती हैं। गिरावट आने पर कंपनी का बाजार पूंजीकरण कम होता है, जिसकी भरपाई में वक्त लगता है। ऐसे में कंपनियों की कारोबारी गतिविधियां धीमी हो जाती हैं।

रोजगार के मौके घटेंगे, वेतन-भत्तों पर भी असर: कारोबारी गतिविधि को बनाए रखने के लिए कंपनियां खर्चों में कटौती करती हैं। इससे युवाओं के लिए रोजगार के मौके भी कम हो जाते हैं। वहीं, कर्मचारियों के वेतन-भत्तों में वृद्धि की उम्मीदों को भी झटका लगता है।

रुपया कमजोर होगा, महंगाई में तेजी आएगी: शेयर बाजार में गिरावट से रुपये का मूल्य भी गिरता है। देश में बनने वाले कई जरूरी सामान के लिए कच्चा माल और कलपुर्जे विदेश से आते हैं। है। इनकी कीमत बढ़ने से यहां उत्पादित सामान जैसे दवाइयां, उर्वरक आदि के दाम बढ़ जाते हैं।

अर्थव्यस्था की तेज रफ्तार पर ब्रेक संभव: हाल ही में विदेशी निवेशक चीन की तरफ तेजी से आकर्षित हुए हैं। बाजार में गिरावट का इसे भी बड़ा कारण माना जा रहा है। विदेशी निवेशकों का यह रुख आगे जारी रहता है तो अर्थव्यवस्था की गति कुछ समय के लिए धीमी पड़ सकती है।

निवेशक कम होने पर सरकार की कमाई घटेगी: बाजार में निवेश करने वालों से सरकार को ट्रांजेक्शन टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स आदि के रूप में राजस्व मिलता है। गिरावट से निवेशकों की भागादारी कम होगी। इससे सरकार की कमाई कम हो जाएगी।

गिरावट की प्रमुख वजहें

1. पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव

2. चीन के प्रोत्साहन पैकेज का असर

3. एफपीआई की ताबड़तोड़ बिकवाली

4. आरबीआई की नीति में दरें स्थिर रहने की आशंका

5. कंपनियों के नतीजों को लेकर घबराहट

6. हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावी नतीजों के अनुमान

7. कच्चे तेल में उछाल अर्थव्यवस्था के लिए बना चुनौती

छह सेशन में 25 लाख करोड़ रुपये डूबे

सेंसेक्स पर सूचीबद्ध कंपनियों का सकल मार्केट कै सोमवार को लगभग 461 लाख करोड़ से गिरकर 452 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। यानी निवेशकों को लगभग नौ लाख करोड़ का नुकसान हुआ। बीते छह सत्रों में निवेशकों को लगभग 25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके पहले गुरुवार और शुक्रवार की बिकवाली में निवेशकों को 17 लाख करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा था।

विदेशी निवेशकों की ताबड़तोड़ बिकवाली

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने अक्तबूर में अब तक 30,719 करोड़ रुपये की तगड़ी बिकवाली की है। सोमवार को उन्होंने आठ हजार करोड़ से अधिक से शेयर बेचे। वहीं, बीते गुरुवार को उन्होंने 15 हजार करोड़ और शुक्रवार को 9,896.95 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।

चीन का प्रोत्साहन भारत पर पड़ा भारी

विदेशी निवेशक तेजी से भारत से पैसा निकाल कर चीन के बाजारों में लगा रहे हैं। हाल में चीन सरकार द्वारा उद्योगों और वित्तीय बाजारों को दिया गया प्रोत्साहन पैकेज इसकी वजह है। पिछले सप्ताह के दौरान शंघाई कंपोजिट इंडेक्स 21 प्रतिशत चढ़ चुका है वहीं, हैंगसेंग 15 फीसदी बढ़ा है।

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