चुनावी माहौल में विदेशी निवेशकों का मोहभंग, ₹28000 करोड़ के बेच दिये शेयर
- आम चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता और चीन के बाजारों में आकर्षक मूल्यांकन के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 28,200 करोड़ रुपये की निकासी की है।
Stock market: आम चुनाव के नतीजों को लेकर अनिश्चितता और चीन के बाजारों में आकर्षक मूल्यांकन के चलते विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 28,200 करोड़ रुपये की निकासी की है। मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल बढ़ने की चिंता के बीच अप्रैल में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 8,700 करोड़ रुपये निकाले थे।इससे पहले एफपीआई ने मार्च में शेयरों में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये डाले थे। आगे चलकर चुनाव नतीजों के बाद एफपीआई के इक्विटी प्रवाह में नाटकीय बदलाव देखने को मिल सकता है।
क्या है एक्सपर्ट की राय?
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, राजनीतिक स्थिरता की स्थिति में भारतीय बाजार में भारी निवेश आएगा डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने 17 मई तक शेयरों से शुद्ध रूप से 28,242 करोड़ रुपये निकाले हैं। मोजोपीएमएस के मुख्य निवेश अधिकारी सुनील दमानिया ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में एफपीआई की बिकवाली की मुख्य दो वजह हैं। पहली चुनावी नतीजों को लेकर अनिश्चितता है। एफपीआई आमतौर पर अनिश्चितता की स्थिति में सुरक्षित तरीका अपनाते हैं। इसके अलावा बाजार मूल्यांकन काफी ऊंचा है जिसकी वजह से एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं।
क्या हैं आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में 178 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे पहले एफपीआई ने मार्च में बॉन्ड बाजार में 13,602 करोड़ रुपये, फरवरी में 22,419 करोड़ रुपये और जनवरी में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया था। कुल मिलाकर इस साल अबतक एफपीआई शेयरों से 26,000 करोड़ रुपये निकाल चुके हैं। हालांकि, इस दौरान उन्होंने बॉन्ड बाजार में 45,000 करोड़ रुपये डाले हैं।
इस सप्ताह कैसी होगी बाजार की चाल
अमेरिकी फेड रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीद एक बार फिर बढ़ने की बदौलत बीते सप्ताह करीब दो प्रतिशत उछले घरेलू शेयर बाजार की अगले सप्ताह दिग्गज कंपनियों के तिमाही नतीजे और लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के मतदान प्रतिशत पर रहेगी। विश्लेषकों के अनुसार, अगले सप्ताह एनटीपीसी, ओएनजीसी, ओआईएल, सेल, आईटीसी, बीईएल, भेल, हुडको, सुजलॉन, इंडिया सीमेंट, इरकॉन, बीसीसीएल, इक्रा, इंडिगो और अपोलो समेत कई दिग्गज कंपनियों के 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के परिणाम जारी होने वाले हैं। अगले सप्ताह कंपनियों के नतीजों पर बाजार की नजर रहेगी। साथ ही 20 मई 2024 को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान होने वाला। पिछले चार चरण के चुनाव में वर्ष 2019 के आम चुनाव के मुकाबले मतदान प्रतिशत घट गया है। इसलिए पांचवें चरण के मतदान प्रतिशत का बाजार पर असर रहेगा।
बता दें कि बीते सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 1252.56 अंक अर्थात 1.7 प्रतिशत की छलांग लगाकर सप्ताहांत पर 73917.03 अंक पर पहुंच गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 410.9 अंक यानी 1.9 प्रतिशत उछलकर 22466.10 अंक पर रहा।
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