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विदेशी निवेशकों का हुआ भारतीय शेयर बाजार से मोहभंग? 94000 करोड़ रुपये की निकासी

  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) लगातार भारतीय शेयर बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। FPI ने अक्टूबर में 94000 करोड़ रुपये भारतीय शेयर बाजार से निकाले हैं। इस निकासी के पीछे की वजह हाई वैल्यूएशन माना जा रहा है।

Tarun Pratap Singh भाषाSun, 3 Nov 2024 02:30 PM
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FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार (Share Bazar) से 94,000 करोड़ रुपये (करीब 11.2 अरब अमेरिकी डॉलर) निकाले हैं। इस तरह यह एफपीआई की निकासी के मामले में सबसे खराब महीना रहा है। घरेलू बाजारों में हाई वैल्यूएशन और चीन के शेयरों के आकर्षक वैल्यूएशन की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं। इससे पहले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने मार्च, 2020 में शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे।

एफपीआई ने इस ताजा निकासी से पहले सितंबर में शेयरों में 57,724 करोड़ रुपये डाले थे। यह उनके निवेश का नौ माह का उच्चस्तर था। अप्रैल-मई में 34,252 करोड़ रुपये निकालने के बाद जून से एफपीआई लगातार लिवाल रहे थे।

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क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में भू-राजनीतिक घटनाक्रम, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, चीनी अर्थव्यवस्था में प्रगति और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जैसे वैश्विक घटनाक्रम भारतीय शेयरों में विदेशी निवेश को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति का रुख, कंपनियों के तिमाही नतीजे और त्योहारी मांग के आंकड़ों पर एफपीआई की निगाह रहेगी।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है। पूरे महीने में सिर्फ एक दिन एफपीआई लिवाल रहे हैं। इस तरह 2024 में शेयरों में उनका कुल निवेश घटकर 6,593 करोड़ रुपये रह गया है। एफपीआई की बिकवाली की वजह से प्रमुख सूचकांक अपने शीर्ष स्तर से काफी नीचे आ गए हैं।

आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि के दौरान बॉन्ड से सामान्य सीमा के माध्यम से 4,406 करोड़ रुपये निकाले हैं और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) से 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

(यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश से पहले सूझ-बूझ के साथ फैसला करें। यहां प्रस्तुत एक्सपर्ट के विचार निजी हैं। लाइव हिन्दुस्तान इस आधार पर निवेश की सलाह नहीं देता है।)

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