आरटीजीएस से यूरो, पाउंड और डॉलर ट्रांजैक्शन संभव होगा
- आरटीजीएस भारत में रकम ट्रांसफर करने का सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित माध्यम है। इसके माध्यम से एक व्यक्ति भारत के भीतर एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे भेज सकता है।
जल्द ही अमेरिकी डॉलर, यूरो और पाउंड में आरटीजीएस की सुविधा मिल सकती है। आरटीजीएस यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम वास्तविक समय में बैंकों के बीच पैसा ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता हैं। इसका संचालन भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किया जाता है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि केंद्रीय बैंक आरटीजीएस का दायरा बढ़ाने पर विचार कर रहा है। यह विस्तार द्विपक्षीय या बहुपक्षीय व्यवस्थाओं के माध्यम से प्राप्त किया जाएगा।
उनके मुताबिक प्रमुख व्यापारिक मुद्राओं को शामिल करने के लिए आरटीजीएस का विस्तार करने से अधिक किफायती सीमा-पार भुगतान और ट्रांसफर तक पहुंच में तेज़ी आएगी। प्रमुख व्यापारिक मुद्राओं का उपयोग करके विस्तारित आरटीजीएस कम खर्चीले सीमा-पार भुगतान और प्रेषण तक तेज़ पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा।
दास ने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कुशल सीमा पार भुगतान की सुविधा प्रदान करने की क्षमता है। आगे बढ़ते हुए, मानकों में सामंजस्य सीबीडीसी को सीमा पार भुगतान और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी गंभीर वित्तीय स्थिरता चिंताओं को दूर करने में सक्षम बनाएगा।
इस भुगतान विधि से होने वाले फायदे
यह एक ऐसा सिस्टम है, जिससे ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए जा सकते हैं। आरटीजीएस भारत में रकम ट्रांसफर करने का सबसे तेज़ और सबसे सुरक्षित माध्यम है। इसके माध्यम से एक व्यक्ति भारत के भीतर एक बैंक से दूसरे बैंक में पैसे भेज सकता है। यह विशेष रूप से दो लाख से ज्यादा राशि ट्रांसफर के लिए उपयोग किया जाता है। इसकी ऊपरी सीमा नहीं है। इससे पैसे भेजने से पैसे चोरी होने या चेक जाली होने का कोई खतरा नहीं होता। इसके ज़रिए आप 30 मिनट के भीतर पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। एक बार लाभार्थी का अकाउंट सक्रिय हो जाए
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