Economic Survey 2025: FY26 में 6.3-6.8% रह सकती है GDP ग्रोथ, आर्थिक सर्वे की बड़ी बातें
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को सदन में इकनॉमिक सर्वे पेश किया है। इस सर्वे रिपोर्ट के अनुसार भारत की विकास दर अगले वित्त वर्ष में 6.3 से 6.8 प्रतिशत रह सकती है। मौजूदा वित्त वर्ष में विकास दर 6.4 प्रतिशत रह सकती है।
Economic Survey 2024-25: बजट पेश करने से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इकनॉमिक सर्वे संसद के पटल पर प्रस्तुत किया। इकनॉमिक सर्वे के अनुसार अगले वित्त वर्ष के लिए देश की जीडीपी 6.3% से 6.8% रहने का अनुमान है। इकनॉमिक सर्वे दर्शाता है कि अगले वित्त वर्ष के दौरान भी सुस्ती छाई रहेगी। बता दें कि इकनॉमिक सर्वे चालू वित्त वर्ष के प्रदर्शन का जहां खाका प्रस्तुत करने के साथ ही आने वाले वित्त वर्ष के लिए अनुमान भी लगाता है।
1- चालू वित्त वर्ष ने भी दिया जोर का झटका
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और कॉरपोरेट इनवेस्टमेंट धीमा होने का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर चालू वित्त वर्ष में साफ दिख रहा है। मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान देश की विकास दर 6.4 प्रतिशत रह सकती है, जो कि पिछले 4 साल में सबसे धीमी है। वहीं, बीते वित्त वर्ष की तुलना में इस बार गिरावट देखने को मिल रही है।
2- खेती-किसानी को करना होगा और मजबूत
सर्वे के अनुसार भारत के एग्री सेक्टर को और मजबूत करना होगा। यह देश की ताकत है और यह 5 प्रतिशत की ग्रोथ रेट से आगे बढ़ रही है। भारत फूड सिक्योरिटी के मामले में एक दुनिया के लिए प्रमुख देश बनेगा।
3- सर्वे में डिसइनवेस्टमेंट पर चुप्पी
इस इकनॉमिक सर्वे ने डिसइंवेस्टमेंट पर चुप्पी बनाई है। उम्मीद की जा रही है कि बजट में सरकार की तरफ से डिसइंवेस्टमेंट पर बयान जारी किया जा सकता है।
4- IMF का क्या है प्रोजेक्शन
वैश्विक अर्थव्यवस्था 2023 में 3.3 प्रतिशत की दर से ग्रोथ करने में सफल रही। आईएमएफ का अनुमान है कि ग्लोबल इकनॉमी ग्रोथ रेट अगले 5 साल के लिए 3.2 प्रतिशत रहेगी। वैश्विक स्तर पर ग्रोथ रेट स्थिर है। लेकिन अलग-अलगे क्षेत्रों में ग्रोथ रेट अलग-अलग रहेगा।
5- नियंत्रण में आती महंगाई
पहले कोरोना और फिर युद्धों की वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है। महंगाई ने इस दौरान लोगों को खूब परेशान किाय है। लेकिन अब एक बार फिर स्थिति सामान्य हो रही है। यही वजह है कि दुनियाभर के सेंट्रल बैंक अब ब्याज दरों में कटौती कर रहे हैं।
6- फाइनेंशियल सेक्टर स्थिर
सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कॉमर्शियल बैंक का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट (GNPA) में गिरावट देखने को मिली है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार कॉमर्शियल बैंक का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट वित्त वर्ष18 के उच्चतम स्तर से काफी कम हो गया है। जीएनपीए सितंबर 2024 तक 2.6 प्रतिशत आ गया।
7- FDI बढ़ा
FDI के मोर्चे पर यह वित्त वर्ष काफी अच्छा रहा है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार FDI वित्त वर्ष 2025 में 55.6 बिलियन डॉलर रहा है। एक साल पहले के वित्त वर्ष के आंकड़ों के अनुसार FDI 55.6 बिलियन डॉलर रहा है।
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