Byju का संकट बरकरार, कर्मचारियों को अब तक नहीं मिली जुलाई की सैलरी
- राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने दो अगस्त को बीसीसीआई के साथ बायजू के 158.9 करोड़ रुपये के बकाया सैटलमेंट को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को रोक दिया था।
बायजू ब्रांड की मालिक एडुटेक फर्म थिंक एंड लर्न ने कर्मचारियों को जुलाई का वेतन नहीं दिया है। कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन ने कहा कि एनसीएलएटी के फैसले पर उच्चतम न्यायालय की अस्थायी रोक के कारण कंपनी अपने खातों तक पहुंचने में असमर्थ थी। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने दो अगस्त को बीसीसीआई के साथ बायजू के 158.9 करोड़ रुपये के बकाया सैटलमेंट को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही बायजू के खिलाफ दिवाला कार्यवाही को रोक दिया था। हालांकि, उच्चतम न्यायालय ने 14 अगस्त को अमेरिका स्थित लेनदार ग्लास ट्रस्ट कंपनी एलएलसी की याचिका के आधार पर अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले पर रोक लगा दी।
रवींद्रन ने कर्मचारियों को भेजे ईमेल में कहा कि कानूनी बाधाओं ने कंपनी के पुनरुद्धार की यात्रा को लंबा कर दिया है। उन्होंने साथ ही दावा किया कि कंपनी दो साल पहले शुरू हुए नकारात्मक कारोबारी साइकल को पलटने के लिए तैयार है।
क्या है बायजू-बीसीसीआई मामला
बायजू ने 2019 में बीसीसीआई के साथ टीम प्रायोजन का समझौता किया था। उसने 2022 के मध्य तक अपनी देनदारियां पूरी की थीं लेकिन बाद में 158.9 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक कर दी थी। दिवाला कार्यवाही शुरू होने के बाद बायजू ने बीसीसीआई के साथ समझौता किया। इस आधार पर एनसीएलएटी ने बायजू को कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया से बाहर कर दिया और प्रवर्तकों को निदेशक मंडल के नियंत्रण में वापस ला दिया।
इसके पहले राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की बेंगलुरु पीठ ने 16 जुलाई को बायजू की मूल कंपनी ‘थिंक एंड लर्न’ के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था। बता दें कि बायजू पिछले दो साल में गहरे वित्तीय संकट में फंसी है और इसकी वजह से उसे अपने कर्जदाताओं के अलावा अन्य भुगतान विवादों का भी सामना करना पड़ रहा है।
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