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बेहतरीन नैदानिक सुविधाओं और उन्नत सर्जिकल तकनीक से लैस है स्वर्ण ज्योति नेत्र चिकित्सालय

लखनऊ  स्थित स्वर्ण ज्योति नेत्र चिकित्सालय एक सुपरस्पेशलिटी आई हॉस्पिटल एंड लेजर सेंटर है। यह लखनऊ का सबसे अच्छा नेत्र अस्पताल है जो रेटिना संबंधी नेत्र रोग के निदान में माहिर है।

Anant Joshi joshi Brand Post, Wed, 31 May 2023 04:09 PM
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लखनऊ  स्थित स्वर्ण ज्योति नेत्र चिकित्सालय एक सुपरस्पेशलिटी आई हॉस्पिटल एंड लेजर सेंटर है। यह लखनऊ का सबसे अच्छा नेत्र अस्पताल है जो रेटिना संबंधी नेत्र रोग के निदान में माहिर है। अस्पताल में मोतियाबिंद, ग्लूकोमा आदि का  प्रभावी उपचार उपलब्ध है। यहां कॉर्निया प्रत्यारोपण के साथ साथ अन्य शल्य चिकित्सा की सुविधा भी उपलब्ध है।अत्याधुनिक नैदानिक परीक्षण और उन्नत सर्जिकल क्षमता व विशेषज्ञता स्वर्ण ज्योति नेत्र चिकित्सालय को लखनऊ का शीर्ष नेत्र अस्पताल बनाती है। यह अस्पताल नैदानिक विशेषज्ञता और उपचार प्रक्रियाओं के साथ, SJEH कॉर्निया, रेटिना, बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान, न्यूरो नेत्र विज्ञान और ऑकुलोप्लास्टी से संबंधित नेत्र विकारों के व्यापक स्पेक्ट्रम में अपने रोगियों की जरूरतों को पूरा करता है। अस्पताल में लेजर उपचार और रेटिनल सर्जरी जैसी उन्नत नेत्र प्रक्रियाएं उपलब्ध हैं।

• मोतियाबिंद का ऑपरेशन: भारत में बाईलेट्रल ब्लाइंडनेस का प्रमुख कारण मोतियाबिंद है। यह बताया गया है कि मोतियाबिंद ही 50-80 प्रतिशत मामलों में अंधेपन के लिए जिम्मेदार है। मोतियाबिंद के कारण खोई हुई दृष्टि को एक सरल और मामूली प्रक्रिया के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। • ग्लूकोमा: चालीस वर्ष से अधिक आयु के वयस्कों में ग्लूकोमा का प्रसार ग्रामीण भारत में लगभग 2.5-3.0% होने का अनुमान है। हालांकि शिशुओं और बच्चों को शायद ही कभी ग्लूकोमा प्रभावित करता है। ग्लूकोमा का निदान करने के लिए यह अस्पताल  उन्नत नैदानिक उपकरणों से लैस है।

• भेंगापन: स्क्विंट या भेंगापन, आंख का गलत संरेखण है जहां आंखें अलग-अलग दिशाओं की ओर इशारा करती हैं। एक आंख अंदर की ओर या बाहर की ओर या नीचे की ओर या उपर की ओर हो जाती है। ऐसी स्थिति में, दोनों आंखें एक साथ एक बिंदु पर केंद्रित नहीं हो पाती हैं। यदि बच्चे का उचित समय पर उपचार नहीं किया जाता है, तो एंबीलियापिया नामक स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जो अंततः दृष्टि के स्थायी नुकसान का कारण बनती है।

-बच्चों की आंखों की देखभाल: सिटी आई और डेंटल क्लिनिक में बच्चों की नेत्र देखभाल सेवाएं (बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान सेवाएं) 16 वर्ष से कम आयु के सभी बच्चों को व्यापक सेवाएं प्रदान करने में अद्वितीय हैं। अस्पताल में   रिफ्रेक्टिव इरर्स, स्ट्रैबिस्मस, एम्ब्लियोपिया, जन्मजात मोतियाबिंद, आनुवंशिक नेत्र रोग और जन्मजात ग्लूकोमा का प्रभावी इलाज होता है।

-चश्मा हटाने की सर्जरी: आई पावर इंप्रूवमेंट के विकल्प के रूप में लेजर उपचार दो दशकों से अधिक समय से प्रचलन में है।

-ऑप्टिकल सेवाएं: स्वर्ण ज्योति नेत्र चिकित्सालय  क्लीनिक में समर्पित ऑप्टिकल आउटलेट हैं, जो ब्रांडेड चश्मों की एक विस्तृत श्रृंखला व विकल्प प्रस्तुत करता है।इसके अलावा उपलब्ध सुविधाओं में फेकोमल्सीफिकेशन सिस्टम शामिल हैं जो इस अस्पताल को सामयिक संज्ञाहरण के तहत फेकोइमल्सीफिकेशन (सूक्ष्म चीरा सिवनी रहित सर्जरी) करने में सक्षम बनाता है। रिफ्रेक्टीव कैटरेक्ट सर्जरी (टोरिक, मल्टीफोकल) और कॉम्प्लेक्स कैटरेक्ट सर्जरी सहित सभी प्रकार की कैटरेक्ट सर्जरी सक्षम सर्जनों द्वारा की जाती हैं। मोतियाबिंद के अधिकांश ऑपरेशन फेकोइमल्सीफिकेशन तकनीक से किए जाते हैं।

संक्षिप्त परिचय : डॉ. पीयूष मिश्रा

• डॉ. पीयूष मिश्रा• एमबीबीएस, डीएनबी - नेत्र विज्ञान• नेत्र रोग विशेषज्ञ / नेत्र सर्जन• 16 साल का अनुभव

डॉ. पीयूष मिश्रा स्वर्ण ज्योति नेत्र अस्पताल में मोतियाबिंद-बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान और स्ट्रैबिस्मस-अपवर्तक सेवाओं के निदेशक और प्रमुख हैं। उनके पास 16 साल का अनुभव है। उन्होंने 2006 में देहरादून में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के प्रतिष्ठित संस्थान से एमबीबीएस की डिग्री पूरी की । बाद में, 2012 में, उन्होंने नई दिल्ली में मोहन आई इंस्टीट्यूट से नेत्र विज्ञान में स्नातकोत्तर (राष्ट्रीय बोर्ड का डिप्लोमेट) प्राप्त किया। 2015 में, उन्होंने  प्रतिष्ठित अरविंद नेत्र अस्पताल, मदुरै से बाल चिकित्सा नेत्र विज्ञान और वयस्क स्ट्रैबिस्मस में विशेषज्ञता वाली अपनी 18 महीने की  फैलोशिप पूरी की। उनके पास 30 हजार से अधिक फेकोइमल्सीफिकेशन, लगभग 5000 छोटे चीरे वाली मोतियाबिंद सर्जरी और 250 एक्स्ट्राकैप्सुलर मोतियाबिंद निष्कर्षण सर्जरी करने का समृद्ध अनुभव है।

डॉ. दिवाकांत मिश्राएमबीबीएस, डीओ, डीएनबी, एमएनएएमएस, एफवीआरएसनेत्र रोग विशेषज्ञ / नेत्र सर्जन10 साल का अनुभव

डॉ. दिवाकांत मिश्रा (एमबीबीएस, डीओ, डीएनबी, एमएनएएमएस, एफवीआरएस) स्वर्णज्योति नेत्र अस्पताल के निदेशक और स्वर्णज्योति नेत्र अस्पताल, लखनऊ में रेटिना सेवाओं के प्रमुख हैं। उन्होंने श्री शंकरदेव नेत्रालय, गुवाहाटी और बायर्स आई इंस्टीट्यूट, स्टैनफोर्ड, सैन फ्रांसिस्को, यूएसए जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से  रेटिना प्रशिक्षण पूरा किया है। वह युवा नेत्र रोग विशेषज्ञ सोसायटी ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष के पद पर भी सेवाएं दे रहे हैं। वह रेटिनल डिटैचमेंट, डायबिटिक रेटिनोपैथी, मैकुलर होल, एपि रेटिनल मेम्ब्रेन, ओकुलर ट्रॉमा आदि जैसे जटिल रेटिनल विकारों से निपटने में एक्सपर्ट हैं। वह विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय नेत्र पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं, जैसे एशिया पैसिफिक एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी, बैंकॉक 2019 द्वारा अचीवमेंट अवार्ड, भारत के नेत्र संबंधी हीरो 2020, 2019 और 2018, 2017 में एशिया पैसिफिक एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी, सिंगापुर से यासुओ टानो अवार्ड और एपीवीआरएस अवार्ड 2018, मलेशिया सिंगापुर और IJO बेस्ट ऑफ़ बेस्ट अवार्ड 2017 - 18, इसके अलावा भी उन्हें और कई सम्मान व अवार्ड प्राप्त हैं।

पता: पहली मंजिल, ए 1/22, अलीगंज स्क्वायर, सेक्टर बी, अलीगंज,लखनऊ, उत्तर प्रदेश- 226024

संपर्क: 9450000000

 

अस्वीकरण: इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/संस्थान की है।

 

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