एसआरएमएस मेडिकल कालेज में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी से हो रहा इलाज
बीमारियों के उपचार के लिए अत्याधुनिक तकनीक के रूप में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (आई.आर) धूम मचा रही है। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी और अन्य चिकित्सा माध्यमों से देख कर दो मिमी के मामूली से छोटे छेद से
बीमारियों के उपचार के लिए अत्याधुनिक तकनीक के रूप में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (आई.आर) धूम मचा रही है। एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी और अन्य चिकित्सा माध्यमों से देख कर दो मिमी के मामूली से छोटे छेद से शरीर के अंदर के अंगों का उपचार करना इससे बेहद आसान हो गया है। इसमें उपचार के दौरान मरीज को बड़े चीरे नहीं लगाने पड़ते। ऐसे में शरीर पर आपरेशन का कोई निशान भी नहीं पड़ता। इसमें रक्त वाहिकाओं में सिर्फ सुई या कैथेटर्स को इंजेक्ट कर संबंधित अंग का उपचार किया जाता है। इससे जोखिम, दर्द और रिकवरी टाइम काफी कम हो जाता है और मरीज को स्वस्थ होने में ज्यादा समय नहीं लगता। अस्पताल में भी ज्यादा रुकने की जरूरत नहीं होती। इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी से उपचार की प्रक्रिया, सर्जरी या अन्य विकल्पों की तुलना में अधिकतर कम खर्चीली है। इससे गैस्ट्रो और वैस्कुलर संबंधित सभी बीमारियों का निदान संभव होने के साथ आसान हो गया है। ऐसे में अगर आप या आपके घर का कोई भी सदस्य पेट, लिवर या नसों की किसी भी समस्या से परेशान हैं, लगातार उल्टी की शिकायत है, या खांसी के साथ खून आता है। लिवर फैटी हो गया या सिरोसिस जैसी गंभीर स्थिति से तकलीफ में है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं। आपकी इन सभी तकलीफों का समाधान एसआरएमएस मेडिकल कालेज में इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी सेंटर से संभव है।
क्या कहते हैं चिकित्सक ?
इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी नए युग की ट्रीटमेंट तकनीक है। बेहद कम जोखिम और रिकवरी टाइम कम होने से इसे मरीज भी पसंद कर रहे हैं। इससे मात्र दो मिमी के छेद से अंदरूनी अंगों को ठीक किया जाता है। इससे शरीर पर कोई निशान भी नहीं पड़ता। इसकी मदद से हम एसआरएमएस में वह सारे इलाज आसानी से कर पा रहे हैं जो अभी बड़े शहरों में भी होना संभव नहीं है।
-डा.नम्रता सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, एम.डी, डी. एन. बी (रेडियो डाईग्नोसिस), पी. डी. सी. सी (वस्कुलर एवं इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी), ऑनको इमेजिंग एवं इंटेट्वेंशनल (एच बी सी एच, वराणसी/ टी एम एच, मुंबई) इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट, एसआरएमएस मेडिकल कालेज
इन तकलीफों से निजात मिलना हुआ आसान
-एंजियोप्लास्टी
-ब्रेन एंजियोग्राफी
-वैरीकोज वेन्स (त्वचा की सतह पर उभरती हुई नीली, सूजी और मुड़ी हुई नसें)
-वैरिकोसील (टेस्टिस के अंदर नसों का असामान्य गुच्छा)
-ब्रोंकियल आर्टरी एम्बोलाइजेशन (फेफड़ों में खून की नस फटने की वजह से खून का रिसाव का इलाज)
-आर्टीरियो वीनस मॉलफार्मेशन (गर्भाशय में खून की नलियों का गुच्छा बनना और ब्लीडिंग होना)
-फैलोपियन ट्यूब रीकैनलाइजेशन (फैलोपियन ट्यूब के ब्लॉकेज का इलाज)
-पेरिफेरल आर्टेरियल डिजीज (शरीर के किसी भी भाग में धमनियों के अंदर वसा, कोलेस्ट्रॉल, कैल्शियम, का जमा होना)
-स्टेंटिंग (खांसी में खून आना)
-फिस्टुला (नासूर)
-ट्यूमर
-पेट, पैरों और शरीर में दर्द
-गैस्ट्रो संबंधी तकलीफें
-लिवर संबंधी तकलीफें
-सभी तरह की बायोप्सी
अहम बिंदु
-गैस्ट्रो और वैस्कुलर संबंधित तकलीफों के आपरेशन में आई.आर. का प्रयोग
-इस तकनीक से मरीज को जोखिम, दर्द और रिकवरी टाइम हो गया है कम
नोट : इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डा.नम्रता सिंह आपको स्वस्थ करने में सक्षम हैं। बस फोन उठाइए और अपना अप्वाइंटमेंट लीजिए 9458424630, 05812582000
अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति / संस्थान की है
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