प्रशांत किशोर के साथ आने में क्यों हिचकिचा रहे थे मनोज भारती? आखिर किसके कहने पर हुए राजी?
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने खुलासा किया है कि एक वक्त ऐसा भी था, जब उनका राजनीति में आने का बिल्कुल भी मन नहीं था। प्रशांत किशोर को कई बार उन्होने इग्नोर भी किया था, लेकिन फिर पत्नी के कहने पर पीके से मुलाकात की थी।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि एक वक्त ऐसा भी था, जब उनका राजनीति में आने का बिल्कुल भी मन नहीं था। प्रशांत किशोर ने उन्हें कई बार फोन भी किया था। जिसे उन्होने कई बार इग्नोर किया। लेकिन उनके मन में समाज के लिए कुछ करने का जज्बा जरूर था। और यही जज्बा उन्हें जन सुराज की तरफ खींच लाया। पत्नी के कहने पर उन्होने प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी।
यूट्यूब चैनल से बातचीत के दौरान मनोज भारती ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद मेरे पास कई तरह की विधाएं हैं, शौक हैं, जो मैं अपनी शांति के समय में करना चाहता था। मेरा कोई भी इरादा नहीं था, कि मैं अपनी शांति भंग करूं। पॉलिटिक्स में तो आने का कोई इरादा ही नहीं था।
लेकिन एक जज्बा है, जो कि हम जैसे लोगों के लिए बहुत जरूरी है जमीन से जुड़े रहने का, समाज को कुछ वापस देने का संकल्प हमेशा कायम रहा है। सामाजिक जागरुकता और समाज को देने की इच्छा मैंने अपने ससुर मैकू राम में देखी थी। जो डीजी (पुलिस) की पोस्ट से रिटायर हुए थे। राजनीति मेरे लिए बहुत कठिन विषय रहा है।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने एक चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि एक वक्त ऐसा भी था, जब उनका राजनीति में आने का बिल्कुल भी मन नहीं था। प्रशांत किशोर ने उन्हें कई बार फोन भी किया था। जिसे उन्होने कई बार इग्नोर किया। लेकिन उनके मन में समाज के लिए कुछ करने का जज्बा जरूर था। और यही जज्बा उन्हें जन सुराज की तरफ खींच लाया। पत्नी के कहने पर उन्होने प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी।
यूट्यूब चैनल से बातचीत के दौरान मनोज भारती ने कहा कि रिटायरमेंट के बाद मेरे पास कई तरह की विधाएं हैं, शौक हैं, जो मैं अपनी शांति के समय में करना चाहता था। मेरा कोई भी इरादा नहीं था, कि मैं अपनी शांति भंग करूं। पॉलिटिक्स में तो आने का कोई इरादा ही नहीं था।
लेकिन एक जज्बा है, जो कि हम जैसे लोगों के लिए बहुत जरूरी है जमीन से जुड़े रहने का, समाज को कुछ वापस देने का संकल्प हमेशा कायम रहा है। सामाजिक जागरुकता और समाज को देने की इच्छा मैंने अपने ससुर मैकू राम में देखी थी। जो डीजी (पुलिस) की पोस्ट से रिटायर हुए थे। राजनीति मेरे लिए बहुत कठिन विषय रहा है।
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मनोज भारती ने बताया कि मैं बहुत हिचकिचा रहा था, मेरा मन नहीं था, कि राजनीति में जाऊं, मुझे लगता था कि मेरे जैसा आदमी पॉलिटिक्स के लिए उपयुक्त नहीं है। लेकिन मैं क्रेडिट देना चाहूंगा अपनी पत्नी को जिनके कहने पर मैंने प्रशांत किशोर से मुलाकात की। और फिर बात बनती चली गई।
आपको बता दें जन सुराज पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती मधुबनी के रहने वाले हैं और दलित जाति से आते हैं। जो भारतीय विदेश सेवा के रिटायर्ड अधिकारी हैं। मनोज आईआईटी पास आउट हैं। मनोज भारती कई देशों में राजदूत रह चुके हैं।