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डेड बॉडी दूसरे को कैसे दे दिया, पटना मेट्रो हादसे में मरे मजदूरों के परिजनों को फूटा गुस्सा; पुलिस से भिड़े

टनल हादसे में दोनों मृतक ओडिशा के रहने वाले थे। इस हादसे में 6 मजदूर भी घायल हुए हैं। उनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। जमुई जिले का एक घायल आईसीयू में है, जिसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाWed, 30 Oct 2024 07:16 AM
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पटना मेट्रो के निर्माणाधीन मेट्रो टनल में लोको का ब्रेक फेल होने की वजह से हादसे में मृत बिजय कुमार बेहरा और मनोज बेहरा के शव का पोस्टमार्टम के बाद उसे लेकर दूर के रिश्तेदार ओडिशा के लिए रवाना हो गए। इसी बीच मंगलवार की रात जब उनके परिजन पीएमसीएच पहुंचे तो इस बात को लेकर पुलिस से उनकी जमकर नोकझोंक हुई।

परिजनों ने पुलिस से पूछा कि बिना उनकी स्वीकृति के शव अन्य के सुपुर्द कैसे कर दिया गया? इसका कोई जवाब उनके पास नहीं था। शव लेकर गए लोग फोन भी नहीं उठा रहे थे। इसको लेकर मृतक के परिजनों में खासा आक्रोश है। मामले में पीरबहोर पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया है।

घटना के बाद निर्माण स्थल पर मंगवार को भी पुलिस बल की तैनाती रही। वरीय अधिकारी सहित पीरबहोर थाने के पुलिसकर्मी मौके पर कैंप कर रहे थे। टनल हादसे में दोनों मृतक ओडिशा के रहने वाले थे। इस हादसे में 6 मजदूर भी घायल हुए हैं। उनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है। जमुई जिले का एक घायल आईसीयू में है, जिसकी हालत गंभीर बतायी जा रही है। बाकी खतरे से बाहर हैं। जिला प्रशासन एवं मेट्रो रेल कॉर्पारेशन के अधिकारी कैम्प कर रहे हैं।

DM ने बनाई जांच कमेटी

इधर मेट्रो हादसे के बाद पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की है। इसमें अपर जिला दंडाधिकारी विधि-व्यवस्था, श्रम अधीक्षक एवं पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता शामिल हैं। उधर, पटना मेट्रो टनल हादसे की जांच दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन के सेफ्टी हेड देवेन्द्र सिंह गिल के नेतृत्व में शुरू की गई है। जांच में डीएमआरसी के पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के प्रधान भी शामिल हैं।

ठेकेदार मेसर्स एल एंड टी के सेफ्टी हेड भी जांच टीम के सदस्य बनाए गए हैं। मंगलवार की सुबह ही डीएमआरसी के सेफ्टी हेड और पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के प्रधान पटना पहुंचे। मंगलवार की दोपहर एल एंड टी के सेफ्टी हेड भी पटना पहुंच गए।

अधिकारियों का मानना है कि निश्चित रूप से चूक हुई है। जांच के दौरान परिसर और टनल में लगे सीसीटीवी भी देखा जाएगा। यह भी पता लगाने की कोशिश होगी कि लोको चालक ने इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल किया था या नहीं।

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