जब लालू की लाल बत्ती एंबेसडर कार लेकर गायब हो जाते थे तेज प्रताप यादव, खुद बताई वजह
तेज प्रताप यादव ने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में बताया कि एक वक्त वो अपने पिता लालू यादव की लाल बत्ती लगी एंबेसडर कार लेकर गायब हो जाते थे। फिर उनको ढूंढा जाता था। और खुद लालू यादव को फोन करके पूछना पड़ता था कि तेज प्रताप कहां हैं।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे और पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव ने एक यूट्यूब चैनल को दिए इंटरव्यू में अपनी जिंदगी से जुड़े कई किस्से सुनाए। जिसमें एक किस्सा वो भी है। जब तेज प्रताप बिना बताए अपने पिता लालू यादव की लाल बत्ती लगी एंबेसडर कार लेकर गायब हो जाते थे। फिर उनको ढूंढा जाता था। और खुद लालू यादव को फोन करके पूछना पड़ता था कि तेज प्रताप कहां हैं। ये तब की बात है जब लालू यादव रेल मंत्री हुआ करते थे।
तेज प्रताप ने बताया कि बचपन से हम पूजा पाठ करते आए हैं, धार्मिक प्रवृत्ति के रहे हैं। स्कूल टाइम से मंदिर जाते थे। स्कूल की छुट्टी होती थी, तब भी जाते थे। कॉलेज से भी मंदिर जाया करते थे। जब दिल्ली में रहते थे, और पिता जी रेल मंत्री थे। तब हम दिल्ली से वृंदावन जाते थे। पिता जी की लाल बत्ती एंबेसडर कार खड़ी रहती थी।लड़-झगड़कर जिद करके भाग जाते थे। एंबेसडर लेकर बिना बताए। पिता बोलते थे कि अब तो ये साधु हो जाएगा, बाबा हो जाएगा इसको पकड़ना पड़ेगा। वरना हाथ से निकल जाएगा।
तेज प्रताप ने बताया कि वृदांवन के एक हमारे मित्र थे, इस्कॉन से जुड़े हुए थे। वही बोले वृंदावन चलिए हमारे साथ। जब जाना होता था, तो उन्हीं को बुला लेते थे। वो मेट्रो स्टेशन के पास आ जाते थे। वहीं एंबेसडर कार लगी रहती थी। बिना बताए वृंदावन भाग जाते थे। फिर पिता जी का फोन आता था, कहते थे कहां हो तो हम कहते थे, कि हम वृंदावन में है। अब हम 3-4 दिन बाद आएंगे, और फिर फोन बंद कर देते थे।
इसके बाद वृंदावन की हर गली घूमते थे, श्रीकृष्ण की लीला स्थली जाते थे। जहां रास लीला की, बांसुरी बजाई, असुरों का वध किया था। तेज प्रताप ने बताया कि वृंदावन में सबसे अच्छी जगह निधिवन है। जहां साक्षात भगवान आते हैं, यमुना का किनारा है, जहां कृष्ण बांसुरी बजाते थे। बांके बिहारी के भी दर्शन किए हैं।