रामायण मंदिर के लिए दूर हो गई सबसे बड़ी अड़चन, गदगद किशोर कुणाल बोले - PM करें उद्घाटन
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर निर्माण का पहला चरण 20 जून, 2023 को शुरू हुआ था। इसके बाद 10 महीने के अंदर 100 फीट गहरे करीब 3245 अंडरग्राउंड पीलरों का निर्माण हो चुका है।
बिहार में बनने वाले विराट रामायण मंदिर के लिए पर्यावरण से जुड़ी अड़चनें अब दूर हो गई हैं। State Environment Impact Assessment Authority (SEIAA) ने मंदिर के निर्माण के लिए पर्यावरण संबंधी क्लीयरेंस दे दिया है। इस मंदिर की ऊंचाई 270 फीट है और इसकी वजह से यह सबसे बड़ा मंदिर होगा। State-level Expert Appraisal Committee (SEAC)की सिफारिश पर SEIAA ने अपनी हरी झंडी दी है।
महावीर मंदिर ट्रस्ट के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इससे पहले भारत सरकार ने मंदिर की योजना को मंजूरी दी थी और अब इस प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण संबंधी क्लीयरेंस भी मिल चुका है। इस ट्रस्ट के तहत कई अस्पताल संचालित किए जाते हैं इसके लिए भी यह ट्रस्ट कई परोपकारी गतिविधियों में शामिल है। यह ट्रस्ट अपने संसाधनों से इस मंदिर का निर्माण करने वाला है।
आचार्य किशोर कुणाल ने कहा, 'पहले इस मंदिर की ऊंचाई 225 फीट तय की गई थी लेकिन बाद में इसे 270 फीट किया गया। इस मंदिर का कुल निर्मित क्षेत्र (Total Built Up Area) 382729 स्क्वायर फीट है। पूरे परिसर का कुल निर्मित क्षेत्र 448436 स्क्वायर फीट है। मंदिर के कुल निर्मित क्षेत्र के अलावा अन्य क्षेत्र सर्विस एरिया है। यह मंदिर 12 टावरों के साथ सबसे बड़ा मंदिर होगा।'
किशोर कुणाल ने कहा कि उनकी यह इच्छा है कि जब 2026 में इस मंदिर का निर्माण पूरा हो जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करें। कुणाल ने कहा, 'जब मेरे बेटे सायान कुणाल ने उन्हें मेरी पुस्तक 'दमन तक्षों का' भेंट की तब पीएम के रेस्पॉन्स से मैं काफी उत्साहित हूं। यह बतौर आईपीएस गुजरात में मेरे तजुर्बे के आधार पर है। हालांकि, मैंने उनके सीएम बनने से पहले साल 2001 में वीआरएस ले लिया था। उन्होंने किताब पर मेरी तस्वीर से मुझे पहचान लिया और विराट रामायण मंदिर के बारे में भी जानकारी ली।'
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महावीर मंदिर के एक कार्यक्रम में साल 2013 में मंदिर के मॉडल का अनावरण किया था। 1972 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर रह चुके किशोर कुणाल ने कहा कि बिहार में यह मंदिर बन रहा है और इसके लोकार्पण के मौके पर पीएम और सीएम की उपस्थित बहुत अच्छी होगी। यह मंदिर पूर्वी चंपारण के कैथवालिया में बन रहा है। अयोध्या को जनकपुरी से जोड़ने वाले फोर लेन राम-जानकी पथ के पास इसका निर्माण हो रहा है। यह मंदिर 1080 फीट लंबा, 540 फीट चौड़ा होगा। इसकी ऊंचाई अयोध्या के राम मंदिर से तीन गुनी ज्यादा होगी।
अभी तक कितना निर्माण हुआ...
आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर निर्माण का पहला चरण 20 जून, 2023 को शुरू हुआ था। इसके बाद 10 महीने के अंदर 100 फीट गहरे करीब 3245 अंडरग्राउंड पीलरों का निर्माण हो चुका है। प्लींथ लेवल से 26 फीट ऊंचा करने के लिए दूसरे चरण का निर्माण शुरू हो चुका है। मैंने मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपये दिए थे और इसके अलावा निर्माण में आने वाली लागत बैंकों के जरिए मैनेज की जाएगी।
18 मंदिरों में से सबसे पहले शिव मंदिर का निर्माण अब पूरा होने वाला है। इसमें 210 मीट्रिक टन का शिवलिंग है जो सबसे लंबा है। शिवलिंग का निर्माण महाबलीपुरम में किया जा रहा है। ब्लैक ग्रेनाइट से बने इस शिवलिंग को यहां लाकर लगाना एक बड़ा टास्क होगा लेकिन हमें यह करना होगा। निर्माण स्थल से लेकर चकिया तक कि सड़क को शिवलिंग के वेट के हिसाब से मजबूत बनाया जा रहा है। मंदिर निर्माण में आने वाली सभी बाधाओं को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।