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लोकसभा के फॉर्मूले से नहीं चलेगा विधानसभा; सांसद बनते ही सुर बदलने लगे उपेंद्र कुशवाहा

  • राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गबठबंधन (एनडीए) में सीट शेयरिंग को लेकर कहा है कि लोकसभा और विधानसभा का फॉर्मूला अलग-अलग होता है।

Ritesh Verma लाइव हिन्दुस्तान, पटनाTue, 10 Sep 2024 04:05 PM
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राज्यसभा सदस्य के तौर पर सांसद की नई पारी शुरू करते ही राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के सुर बदलने लगे हैं। सांसद के तौर पर शपथ लेने के बाद उपेंद्र कुशवाहा 11 सितंबर को पटना आ रहे हैं। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के अंदर 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में शीट बंटवारे पर उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली में कहा है कि लोकसभा और विधानसभा का फॉर्मूला अलग-अलग होता है। कुशवाहा ने कहा कि लोकसभा के फॉर्मूला से नुकसान हुआ है इसलिए आगे इसमें सुधार होगा।

उपेंद्र कुशवाहा ने दिल्ली में कहा- “फॉर्मूला तो विधानसभा और लोकसभा का अलग-अलग होता ही है। और, लोकसभा का जो फॉर्मूला हुआ, उससे थोड़ा नुकसान भी हुआ है। तो पुराने अनुभव के आधार पर आदमी आगे करेक्ट करता है। इसलिए करेक्शन होगा।”  कुशवाहा के बयान को आगे किस तरह लिया जाएगा, ये समय बताएगा लेकिन उनके तेवर से इतना तो साफ है कि विधानसभा में वो सीट बंटवारे पर राजी-खुशी तैयार नहीं होंगे।

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बिहार में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले एनडीए में अभी नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू), चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (लोजपा-आर), पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा), जीतनराम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और खुद उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल है। छह दल पहले से हैं। मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी की राजग में वापसी की अटकल है। ऐसे में चुनाव से छह से सात दल एनडीए में साथ दिख सकते हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग और उपेंद्र की पार्टी एनडीए से अलग लड़ी थी। जेडीयू 115, बीजेपी 110, वीआईपी 11 और हम 7 सीट लड़ी थी। अब इसी 243 सीट में चिराग, पारस, कुशवाहा भी एडजस्ट होंगे।

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लोकसभा चुनाव में बीजेपी 17, जेडीयू 16, लोजपा-आर 5 और रालोमो व हम 1-1 सीट लड़ी थी। इसमें बीजेपी 17 में 12, जेडीयू 16 में 12, लोजपा-आर 5 में 5 और हम 1 सीट जीत पाई थी। उपेंद्र कुशवाहा काराकाट सीट से ना सिर्फ हार गए बल्कि तीसरे नंबर पर रहे थे। सीपीआई-माले के राजाराम सिंह कुशवाहा जीते और दूसरे नंबर पर बीजेपी के बागी पवन सिंह रहे। भोजपुरी स्टार पवन सिंह के लड़ने के कारण कुशवाहा पूरे इलाके में नाराज हो गए और इसकी वजह से मगध और शाहाबाद इलाके में एनडीए को भारी नुकसान हुआ। महागठबंधन को बिहार में जो 9 सीट मिली, उसमें 7 सीट इसी इलाके के हैं।

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नीतीश कुमार के उस बयान पर भी कुशवाहा ने टिप्पणी की है जिसमें उन्होंने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में एक सरकारी समारोह में कहा था कि उन्होंने महागठबंधन में जाकर दो बार गलती कर दी लेकिन वो अब एनडीए के ही साथ रहेंगे। कुशवाहा ने इस पर कहा कि नीतीश को यह सब कहने की क्या जरूरत है जब वो एनडीए में हैं। कुशवाहा के इस बयान को जेडीयू में किस तरह लिया गया है, ये साफ नहीं है। लेकिन सांसद बनने के बाद उपेंद्र कुशवाहा के बयानों में बदल रहे भाव और तेवर को एनडीए कैंप में बाकी नेता महसूस करने लगे हैं।

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