बिहार के दो टीचर्स को मिलेगा राष्ट्रीय पुरस्कार, मीनाक्षी और सिकेंद्र को शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित
बिहार के दो शिक्षक डॉ मीनाक्षी कुमारी और सिकेंद्र कुमार सुमन का चयन राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए हुआ है। जिनको शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगीी।
बिहार के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। इनमें एक मधुबनी के शिव गंगा गर्ल्स प्लस टू स्कूल की डॉ. मीनाक्षी कुमारी और कैमूर के तरहनी के न्यू प्राईमरी स्कूल के सिकेंद्र कुमार शामिल हैं। पांच सितंबर (शिक्षक दिवस) पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मानित करेंगी। सिकेंद्र कुमार सुमन ने बताया कि उनके विद्यालय में 52 बच्चे नामांकित हैं। सभी बच्चों का अपना ई-मेल आईडी है। विद्यालय में सीसीटीवी कैमरे और ऑटोमेटिक बेल से लैस है। विद्यालय में स्मार्ट क्लास की सुविधा है, जिसका लाभ छात्रों को मिल रहा है।
विद्यालय में पहुंचने के बाद देखने पर ऐसा लगता है जैसे किसी निजी प्ले किड्स स्कूल में हैं। लगता ही नहीं कि यह सरकारी विद्यालय है। विद्यालय के बच्चों में सबसे खास बात यह है कि उनकी साप्ताहिक परीक्षा ऑनलाइन हो रही है। इसके लिए प्रभारी प्रधानाध्यापक ने बच्चों के अभिभावकों से आगे करके उन्हें मोबाइल सुविधा उपलब्ध कराई है। बच्चों का रिजल्ट ऑनलाइन जारी किया जा रहा है, जिसे स्वयं बच्चे देख रहे हैं।
विद्यालय में तीन कमरे बच्चों की पढ़ाई के लिए एक कमरे कार्यालय के लिए और एक रसोई घर बने हुए हैं। अभी कुछ दिन पूर्व विद्यालय में चहारदीवारी की गई है। प्रभारी प्रधानाध्यापक का कहना था कि इसके नहीं होने से किचन गार्डन की व्यवस्था नहीं हो सकी थी, लेकिन अब जल्द ही इसकी व्यवस्था की जाएगी। प्रभारी प्रधानाध्यापक ने विद्यालय का निरीक्षण करते हुए दिखाया कि बालक एवं बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए गए हैं, जिस पर बेहतर ढंग से पेंटिंग एवं चित्रकार की गई थी जो की देखने में काफी आकर्षक लग रही थी।
प्रधानाध्यापक सिकेंद्र कुमार खुद केंद्रीय विद्यालय से प्लस टू की पढ़ाई काशी हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक की और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से स्नातक उत्तर की पढ़ाई की है। ऐसे में इस समय ग्रामीणों के लिए चहेते बने हैं और बच्चे काफी प्यार कर रहे हैं। विद्यालय में पढ़ रहे पांचवी कक्षा के छात्र उत्तम कुमार, पवन कुमार एवं चौथी कक्षा की छात्रा सुनैना कुमारी ने बताया कि हम लोगों के परिवार की माली हालत बहुत अच्छी नहीं है। पिताजी मजदूरी करते हैं। इसके बावजूद गुरु जी के आग्रह पर पिताजी ने मोबाइल उपलब्ध कराई है, जिससे हम लोग काफी कुछ जान एवं समझ रहे हैं।
वहीं मधुबनी के शिवगंगा प्लस टू उच्च विद्यालय की शिक्षिका डा.मीनाक्षी को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए राज्य से नामित किया गया है। नामित होने के बाद जिले के शिक्षकों में खुशी की लहर है। डा. मीनाक्षी अपनी विशेष मुहिम के लिए काफी प्रसिद्ध रही है। इन्होंने बच्चियों के लिए खुद भी पढ़ो, औरों को भी पढ़ाओ अभियान चलाया। इसके माध्यम से सैंकड़ों छात्राएं इस अभियान से जुड़ी हैं। छात्राएं खुद भी शिक्षित हो रही हैं और दूसरों को भी शिक्षित कर रहीं हैं। कविताओं के माध्यम से भी डा. मीनाक्षी शिक्षा ,महिलाओं में आत्मनिर्भरता की सोच ,दहेज प्रथा व बाल विवाह आदि के संबंध में छात्राओं को जागरूक कर रही हैं।
उन्होने बताया कि वो अपने परिवार की बड़ी बेटी हैं। पिता डा. महेश चंद्र चौधरी जो रसायन शास्त्र के प्रोफेसर थे, उनका सपना था कि मैं समाज के लिए कुछ खास करूं और यही संस्कार और संस्कृति के बीज मैंने हमेशा से ही अपने अंदर कायम रखने की कोशिश की। डॉ मीनाक्षी को अबतक कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। बालिका शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए मीनाक्षी को राजकीय शिक्षक पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। 2022 में इन्हें यह पुरस्कार मिला था। भारत ज्योति श्री गुरु राष्ट्र सम्मान पुरस्कार ,ग्रेस लेडीस ग्लोबल बुक ऑफ रिकॉर्ड, सजग सिपाही सम्मान, काव्य प्रतिभा सम्मान सहित कई संगठनों व संस्थानों से पुरस्कार मिल चुका है।
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