तिरहुत एमएलसी चुनाव में करारी हार पर जेडीयू में ही तकरार, अभिषेक झा बोले- षड्यंत्र, विश्वासघात हुआ
- बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट के चुनाव में जेडीयू कैंडिडेट अभिषेक झा की करारी हार ने नीतीश कुमार की पार्टी के अंदर ही झगड़ा बढ़ा दिया है। अभिषेक चौथे नंबर पर रहे जबकि निर्दलीय वंशीधर ब्रजवासी जीत गए।
बिहार विधान परिषद की तिरहुत स्नातक सीट के उपचुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के कैंडिडेट अभिषेक झा की करारी हार पर पार्टी नेताओं में तकरार बढ़ गई है। अभिषेक झा चुनाव में चौथे नंबर पर रहे और उनकी जमानत जब्त हो गई। अभिषेक ने ट्वीट करके कहा है कि विश्वासघात और षड्यंत्र के कारण जेडीयू की हार हुई है। शिवहर से दो बार सांसद रहे और मौजूदा जेडीयू सांसद लवली आनंद के पति और बाहुबली आनंद मोहन ने कहा था कि उनके परिवार को चुनाव में किसी ने पूछा तक नहीं जबकि शिवहर और वैशाली से उनकी पत्नी और वो सांसद रहे हैं। बेटा चेतन आनंद शिवहर से विधायक है। बता दें कि इस एमएलसी सीट के लिए मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, वैशाली और शिवहर के स्नातक मतदाता वोट करते हैं।
अभिषेक झा ने गुरुवार को एक ट्वीट में कहा कि किसी राजनीतिक पारिवारिक से संबंध के बिना चुनाव लड़ने का मौका देने के लिए वो पार्टी और गठबंधन के आभारी हैं। उनके भी जिन्होंने मदद की है। अभिषेक झा ने लिखा- “जिन लोगों ने षड्यंत्र किया, विश्वासघात किया, उनका भी आभार। इससे बहुत सीख मिली। गठबंधन के वैसे सभी नेताओं के प्रति विशेष आभार, जिन्होंने पूरी चुनावी प्रक्रिया के समय कोई सहयोग नहीं किया, विरोध किया, फोन उठाना तक मुनासिब नहीं समझा और नतीजे आने के बाद झूठे आरोप लगाकर आलोचना कर रहे हैं। इन सबसे मेरा मनोबल और संकल्प दृढ़ हुआ है।”
पहले सस्पेंड, फिर डिसमिस; केके पाठक से झगड़े ने वंशीधर ब्रजवासी को माननीय MLC बना दिया
तिरहुत स्नातक एमएलसी सीट का चुनाव निर्दलीय कैंडिडेट वंशीधर ब्रजवासी 10915 वोट के बड़े अंतर से जीते हैं। वंशीधर को 27744 वोट मिले थे। जेडीयू के अभिषेक झा को 10316 मत ही मिले और वो चौथे नंबर पर रहे। दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे जन सुराज पार्टी के विनायक गौतम को 16829 वोट और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के गोपी किशन को 11600 वोट मिले थे। अभिषेक झा का एनडीए के सभी दलों ने समर्थन किया था जहां चिराग पासवान की लोजपा-रामविलास के बागी राकेश रौशन भी लड़ गए थे। चुनाव से तीन दिन पहले चिराग ने अभिषेक के साथ मीडिया को संबोधित किया और लोजपा के समर्थन को लेकर फैल रहे भ्रम को तोड़ा। अभिषेक के लिए सम्राट चौधरी से लेकर संजय झा तक प्रचार करने गए थे।
राजपूतों को बंधुआ मजदूर रखोगे तो…’, तिरहुत MLC चुनाव में हार पर आनंद मोहन जेडीयू नेताओं पर भड़के
चुनाव में अभिषेक झा की हार के बाद जेडीयू नेता आनंद मोहन ने मीडिया से कहा था कि राजपूतों को बंधुआ मजदूर समझने का नुकसान हुआ है। सीतामढ़ी के जेडीयू सांसद देवेश चंद्र ठाकुर का नाम लिए बिना आनंद मोहन ने कहा था कि उनके परिवार को पूछा तक नहीं गया जबकि शिवहर के सांसद और विधायक उनकी पत्नी और बेटे हैं। उनकी पत्नी वैशाली से भी सांसद रही हैं। आनंद मोहन ने इलाके में दो राजपूत सांसद और पांच विधायकों के नाम गिनाए और इस चुनाव में उनकी उपेक्षा का आरोप लगाया। जेडीयू नेता ने स्मार्ट मीटर और जमीन सर्वे को लेकर लोगों में नाराजगी और शिक्षकों के बीच सरकार को लेकर आक्रोश को हार का कारण बताया।