निर्दलीय प्रत्याशी राजेश रौशन के निधन से नहीं टलेगा तिरहुत स्नातक उपचुनाव, जानिए क्या है नियम
बिहार विधान परिषद के तिरहुत स्नातक क्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र का उपचुनाव प्रत्याशी के निधन के कारण स्थगित नहीं होगा। निर्वाचन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। क्योंकि नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है, ऐसे में चुनाव स्थगित किए जाने का कोई प्रावधान नही है।
बिहार विधान परिषद के तिरहुत स्नातक क्षेत्र निर्वाचन क्षेत्र का उपचुनाव प्रत्याशी के निधन के कारण स्थगित नहीं होगा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के विभिन्न धाराओं के तहत विशेष परिस्थिति में ही चुनाव स्थगित किए जाने का प्रावधान है। रविवार को निर्वाचन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी। मालूम हो कि, इस उप चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले राजेश कुमार रौशन की हार्ट अटैक से असामयिक मृत्यु हो गई है। इसके बाद से चुनाव क्षेत्र से लगातार नियम एवं प्रावधानों को लेकर जानकारी मांगी जाने लगी। सूत्रों ने बताया कि चूंकि, अभी नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है, ऐसे में चुनाव स्थगित किए जाने का कोई प्रावधान नही है।
आपको बता दें भाजपा से बगावत कर राजेश कुमार रौशन ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तिरहुत स्नातक उपचुनाव के लिए दो दिन पहले नामांकन दाखिल किया। और रविवार को घर के बाहर टहलते वक्त हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार पैतृक गांव में किया जाएगा। राजेश के निधन से भाजपा समेत कई सामाजिक संगठनों के सदस्यों के गहरा शोक संवेदना जताई है। जिसके बाद तिरहुत उपचुनाव को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थी। लेकिन क्योंकि अभी नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया जारी है। इसलिए चुनाव स्थगित किए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
आपको बता दें 18 नवंबर तक नामांकन की प्रक्रिया चलेगी। 21 नवंबर नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है। 5 दिसंबर को वोटिंग और 9 दिसंबर को मतगणना होगी। सीतामढ़ी के सांसद देवेश चंद्र ठाकुर तिरहुत स्नातक क्षेत्र के एमएमलसी थे। उनके लोकसभा चुनाव लड़ने के कारण यह सीट खाली हो गई और उपचुनाव हो रहे हैं। एनडीए ने इस सीट पर जदयू के प्रवक्ता अभिषेक कुमार झा को उतारा है। दूसरी ओर महागठबंध ने राजद के गोपी किशन को मौका दिया है। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज भी मैदान में है। पीके ने इस क्षेत्र से डॉक्टर विनायक गौतम को उतारा है। विनायक गौतम के पिता राम कुमार सिंह तिरहुत स्नातक से तीन बार एमएलसी रहे। उन्हीं को हराकर देवेश चंद्र ठाकुर ने इस सीट पर कब्जा किया था।