पैदल या बाइक से ना जाएं, बाघ के पैरों के निशान मिलने के बाद वन विभाग की चेतावनी
जटाशंकर व कौलेश्वर मंदिर के साथ-साथ नेपाल के वाल्मीकि आश्रम जाने पर रोक लगा दी गयी है। उन्होंने बताया कि जंगल सफारी पूरी तरह से चालू है। जंगल सफारी के लिए वन विभाग के विशेष वाहन व निजी वाहन पर्यटकों को ले जा रहे है।
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में बाघ के पैरों के निशान मिलने के बाद वन विभाग के कान खड़े हो गए हैं। यहां विभाग ने लोगों से अपील की है कि वो उस इलाके में पैदल ना निकलें। दरअसल वाल्मीकि नगर से सटे जटाशंकर वन क्षेत्र में रविवार की सुबह बाघ का पगमार्क मिलने पर व्याघ्र परियोजना ने सतर्कता बढ़ा दी है। टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल-2 के वन क्षेत्र में वाल्मीकिनगर रेंज के जटाशंकर वन क्षेत्र में पैदल और बाइक से भ्रमण करने पर पाबंदी लगा दी गयी है।
बाघ का पग मार्क जटाशंकर चेक नाका से वाल्मीकि आश्रम जाने वाले रास्ते में रविवार की सुबह वनकर्मियों ने देखा था। प्रशिक्षु डीएफओ ने बताया कि रविवार की सुबह गश्ती के दौरान वनकर्मियों को जटाशंकर चेक नाका से वाल्मीकि आश्रम जाने वाली जंगली सड़क पर बाघ के पग मार्क मिले। इस क्षेत्र में बाघ के मूवमेंट को देखते हुए सुरक्षा के मद्दे नजर पैदल और बाइक से वन क्षेत्र में भ्रमण करने वाले पर्यटकों को प्रवेश करने से मना कर दिया गया है।
जटाशंकर व कौलेश्वर मंदिर के साथ-साथ नेपाल के वाल्मीकि आश्रम जाने पर रोक लगा दी गयी है। उन्होंने बताया कि जंगल सफारी पूरी तरह से चालू है। जंगल सफारी के लिए वन विभाग के विशेष वाहन व निजी वाहन पर्यटकों को ले जा रहे है। उन्होंने कहा कि बाघ जब तक इस क्षेत्र से अपने अधिवास क्षेत्र में वापस नहीं जाता है तब तक पैदल व बाइक पर जाने से प्रतिबंध रहेगा। पग मार्क के आधार पर वन कर्मियों को बाघ के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए तैनात किया गया है। वस्तु स्थिति को देखते हुए वनक्षेत्र में प्रवेश पर निर्णय लिया जाएगा।