चाइल्ड पोर्न देखने वालों की अब खैर नहीं, ऐक्शन में आई बिहार पुलिस; ईओयू ने शुरू किया अभियान
एक रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में बच्चों से जुड़े अश्लील और पोर्न वीडियो इंटरनेट पर सबसे ज्यादा देखे, डाउनलोड और अपलोड किए जाते हैं।
चाइल्ड पोर्न देखने वालों की अब खैर नहीं है। चाइल्ड पोर्नोग्राफी के मामले में बिहार देश में नंबर एक पर है। इसे रोकने के लिए आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत राज्य में मौजूद 44 अलग-अलग साइबर थानों में 27 एफआईआर दर्ज की गई है। इनसे जुड़े मामलों की गहन तफ्तीश शुरू कर दी गई है। संबंधित आरोपियों के खिलाफ जल्द बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू की जाएगी। उत्तरी बिहार खासकर सीमावर्ती इलाकों में इस तरह की पोर्नोग्राफी देखने के मामले अधिक सामने आए हैं।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ी सामग्रियों को देखने या इनका आदान-प्रदान करने के आरोप में फेसबुक के 67, इंस्टाग्राम के 109, व्हाट्सएप के 33, टेलीग्राम के 3, ट्विटर के 1 और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म के 5 संदिग्ध खातों को बंद कर दिया गया है। ऐसे संवेदनशील पोस्ट को सोशल मीडिया पर परोसने के मामले में चार वेबसाइट को भी प्रतिबंधित कर दिया गया है। इंटरनेट का उपयोग करने वाली ऐसी 101 आईडी पर भी पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इन सभी सोशल मीडिया माध्यमों की जांच करके इनका संचालन करने वालों की पहचान की जा रही है ताकि इन पर कानून के तहत कार्रवाई की जा सके।
चाइल्ड पोर्नोग्राफी मामले में बिहार देश में पहले स्थान पर
बिहार, चाइल्ड पोर्नोग्राफी को देखने और इससे जुड़ी अश्लील सामग्रियों को अपलोड या डाउनलोड करने के साथ इन्हें इधर-उधर भेजने के मामले में देश में पहले स्थान पर है। यह जानकारी अमेरिकी संस्थान नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लाइटेड ऑफ चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी) के स्तर से जारी टिपलाइन रिपोर्ट में मिली है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले संस्थान इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आई4 सी) ने भी साइबर अपराध खासकर महिला और बच्चों के खिलाफ होने वाले साइबर अपराधों को लेकर अलग से रिपोर्ट दी है।
ये हैं इसके कारण
चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखने की प्रवृति के पीछे के कारणों पर मनोवैज्ञानिक डॉ. बिंदा सिंह ने बताया कि यह एक तरह की मनोविकृति और यौन विकृति है। आजकल मोबाइल का चलन तेजी से बढ़ने के कारण लोग गलत सामग्रियों की तरफ अधिक आकर्षित होते हैं। बड़ी उम्र के लोगों में भी यह प्रवृति अधिक देखने को मिलती है। इसकी वजह उनका कई चीजों को लेकर संतुष्ट नहीं होना और कुछ नया करने की सनक भी कह सकते हैं। इसके लिए मौजूदा जीवन शैली, सामाजिकता समाप्त होना, आपसी मेलजोल नहीं होने के कारण मोबाइल पर अधिक लगे रहना, रुटीन लाइफ नहीं होना जैसे कई सामाजिक कारण मुख्य रूप से जिम्मेवार हैं। दूसरी तरफ छोटे बच्चों के हाथ में स्मार्ट फोन होने के कारण उनमें गलत चीजों को देखने की जिज्ञासा अधिक होती है।
ईओयू के डीआजी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि चाइल्ड पोर्नोग्राफी को रोकने के लिए आर्थिक अपराध इकाई में सोशल मीडिया मॉनिटरिंग यूनिट को पूरी तरह से चौकस कर दिया गया है। ऐसे जो भी मामले सामने आ रहे हैं, उनकी समुचित जांच कर इसमें शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। ऐसे सभी संदिग्ध वेबसाइट और सोशल मीडिया साइट की पहचान कर इन्हें बंद कराया जा रहा है।