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आरक्षण पर घड़ियाली आंसू बहा रहे तेजस्वी, दलितों-पिछड़ों को क्यों भूले थे लालू? RJD पर बरसे मंत्री मंगल पांडे

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि आरक्षण के मसले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद घड़ियाली आंसू बहा रहा है। राजद का आरक्षण लालू परिवार तक ही सीमित रहा है। राजद आज आरक्षण के नाम पर दलितों, पिछड़ों व अतिपिछड़ों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।

sandeep हिन्दुस्तान, पटनाSun, 1 Sep 2024 05:32 PM
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देश में जातीय जनगणना और बिहार में बढ़े हुए 65 फीसदी आरक्षण को संविधान की नौवीं सूची में डालने की मांग को लेकर आरजेडी का आंदोलन पूरे प्रदेश में जारी है। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि आरक्षण के मसले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनकी पार्टी राजद घड़ियाली आंसू बहा रहा है। राजद का आरक्षण लालू परिवार तक ही सीमित रहा है। लालू यादव को पत्नी, बेटा और बेटी के अलावा कभी किसी दलित, पिछड़े, अतिपिछड़े की याद नहीं आई। वो राजद आज आरक्षण के नाम पर दलितों, पिछड़ों व अतिपिछड़ों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राजद और कांग्रेस हमेशा अतिपिछड़ों का अपमान करते आए हैं और धोखा देते रहे हैं। कांग्रेस ने अतिपिछड़ों के लिए गठित काका कालेलकर और मुंगेरीलाल कमीशन की रिपोर्ट को ढंडे बस्ते में डाल दिया और उसे कभी लागू नहीं किया।

मंगल पांडे ने कहा कि जनता पार्टी की उस सरकार ने 1978 में मंडल कमीशन का गठन किया, जिसमें भाजपा के अटल, आडवाणी भी शामिल थे। 1980 में पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए आई मंडल कमीशन की रिपोर्ट को कांग्रेस ने 10 वर्षों तक दबा कर रखा, अन्ततः भाजपा के सहयोग से गठित बीपी सिंह की सरकार ने 1989 में आरक्षण का प्रावधान किया। मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू करने के बाद पिछड़े वर्ग को केवल सरकारी नौकरियां ही नहीं बल्कि विभिन्न शिक्षण संस्थानों में भी आरक्षण के जरिए नामांकन का मौका मिला।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिहार में पिछड़े वर्गों के लिए गठित मुंगेरीलाल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर 1978 में कर्पूरी जी की उस सरकार ने नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था की। जिसमें जनसंघ की ओर से कैलाश पति मिश्र जी मंत्री थे। इसके तहत सरकारी नौकरियों में पिछड़ों को एनेक्चर-1 और 2 के तहत आरक्षण लागू किया गया।

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उन्होने कहा कि बिहार में जब 2005 में एनडीए (भाजपा-जदयू) की सरकार बनी तब जाकर स्थानीय निकाय के चुनाव में अति पिछड़ों को 20 प्रतिशत आरक्षण दिया गया जबकि राजद-कांग्रेस ने तो 2002 में एकल पदों पर आरक्षण का प्रावधान किए बिना ही पंचायत का चुनाव करा कर अति पिछड़ों की हकमारी कर ली।

वहीं इससे पहले तेजस्वी यादव आरजेडी के धरने में शामिल हुए, और अपने संबोधन में कहा कि जातीय जनगणना और बिहार में दिये गए आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने को लेकर अंतिम दम तक संघर्ष करेंगे। चाहे इसके लिए प्रधानमंत्री को घुटने ही क्यों ना टिकवाने पड़ें। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई गरीबी और बेरोजगारी के खिलाफ है।

नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा पर संविधान और आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया। साथ ही, जदयू नेतृत्व से देश भर में जातीय जनगणना कराने, बिहार में दिए गए 65 फीसदी आरक्षण व्यवस्था को 9 वीं अनुसूची में शामिल किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर दवाब बनाने की मांग की।

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