जातियां गिनाकर तेजस्वी ने बीजेपी को घेरा; बोले- जातियों में लोगों को क्या लालू ने बांटा? आरक्षण की उठाई मांग
तेजस्वी यादव ने जातीय जनगणना और आरक्षण की मांग करते हुए बीजेप को घेरा, और कहा कि ये लोग आरजेडी पर लोगों को बांटने का आरोप लगाते हैं। मैं पूछता हूं कि लोग मिश्रा, यादव, सिंह, पाल कोई श्रीवास्तव सरनेम लगाता है। तो ये क्या लालू यादव और आरजेडी बनाया है।
जातीय जनगणना और बिहार में बढ़े हुए आरक्षण को संविधान क नौवीं सूची डालने की मांग को लेकर आरजेडी ने पूरे प्रदेश में धरना दिया। इस मौके पर पटना में नेता प्रतिपक्ष औ पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी को आरक्षण विरोधी बताते हुए जमकर हमला बोला। तेजस्वी यादव ने कहा कि जब हम जातीय गणना की बात करते हैं तो एनडीए वाले कहते हैं, यह बांटने का काम करते हैं, जात में लड़वाना चाहते हैं। लेकिन मैं पूछता हूं कि अपने नाम के आगे सरनेम लगाते हैं। कोई मिश्रा, यादव, सिंह, पाल कोई श्रीवास्तव लिखते हैं, कोई कुशवाहा लिखते हैं। ये क्या लालू और तेजस्वी या फिर राष्ट्रीय जनता दल ने बनाया।
पहले से लोगों को जातियों में बांटने का काम किसने किया। किसने यादव बनाया किसने, मुसलमान बनाया, किसने कुशवाहा बनाया। हम लोग बात करते हैं चाहे सिंह हो, श्रीवास्तव हो, यादव हो चाहे सवर्ण हो या पिछड़े जाति के हों, अति पिछड़े जाति के हों, दलित हों, आज उनकी स्थिति क्या है। यह पता करो, जिस जाति में सबसे ज्यादा गरीबी हो उसे मिटाने का काम करो। गरीबी हमारी दुश्मन है। उसे मिटाने का काम करो।
तेजस्वी ने कहा कि बीजेपी चाहती है कि कूड़ा बीनने वाले का बेटा और उसकी अगली पीढ़ी पूरी जिंदगी नालियां साफ करे, जो भिखारी हैं उसे पूरी ज़िंदगी भिखारी ही रखना चाहिए। यही बीजेपी की मानसिकता है, सभी बड़े समाजवादी नेताओं ने समय-समय पर जातियों की बात की। हमारे जो महापुरुष नेता थे, उन सभी ने आरक्षण की बात की और उन वर्गों की बात की जो समाज के सबसे निचले पायदान पर हैं, चाहे वो दलित हों, आदिवासी हों या पिछड़े. आज भी आप देखेंगे कि उन पर समाज में भेदभाव होता है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जातीय जनगणना और बिहार में दिये गए आरक्षण को संविधान की 9 वी अनुसूची में शामिल कराने को लेकर अंतिम दम तक संघर्ष करेंगे। चाहे इसके लिए प्रधानमंत्री को घुटना ही क्यों न टेकवाना पड़े। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई गरीबी और बेरोजगारी के खिलाफ है।
तेजस्वी ने भाजपा पर संविधान और आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया। साथ ही जदयू नेतृत्व से देश भर में जातीय जनगणना कराने, बिहार में दिए गए 65 फीसदी आरक्षण व्यवस्था को 9 वीं अनुसूची में शामिल किए जाने को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की मांग की। आरजेडी के इस कार्यक्रम में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी प्रमुख नेता मौजूद थे।