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मशरूम की खेती करने पर किसानों को मिलेगा 50 फीसदी अनुदान

प्रतापगंज में किसान अब मशरूम की खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो रही है। ललित चौधरी इस योजना के पहले लाभार्थी बने। कृषि अधिकारियों ने बताया कि मशरूम से स्वास्थ्य लाभ और आय में...

Newswrap हिन्दुस्तान, सुपौलMon, 13 Jan 2025 02:52 AM
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प्रतापगंज, निज प्रतिनिधि। मशरूम की खेती में बेहतर मुनाफा को देखकर किसानों का अब इस ओर झुकाव होने लगा है। जिले में कई किसान अब मशरूम की खेती कर रहे हैं और बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। इससे किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। तेकुना पंचायत के वार्ड 5 निवासी ललित कुमार चौधरी उद्यान विभाग के झोपड़ी में मशरूम उत्पादन योजना का प्रखंड का पहला उत्पादक किसान बना। इस योजना का उदघाटन पूर्व जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा, उद्यान विभाग की जिला सहायक निदेशक डॉ. अमृता कुमारी, अगवानपुर हार्टिकल्चर वैज्ञानिक विकास कुमार, बीएओ सुभाष प्रसाद और प्रखंड कृषि उद्यान पदाधिकारी मिथिलेश कुमार क्रांति ने किया। पूर्व जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा ने बताया कि मशरूम की खेती से जहां किसानों की आय दोगुनी हो सकती है, वहीं स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी मशरूम काफी महत्वपूर्ण आहार है। मांसाहार हो या शाकाहार दोनों व्यक्ति को मशरूम की खीर, मशरूम की सब्जी तथा सूप पीना चाहिए। इससे काफी प्रोटीन मिलता है। डॉ. अमृता कुमारी ने झोपड़ी में मशरूम उत्पादन योजना के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में इस योजना का लाभ 19 किसानों को मिलना है। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर 1 लाख 79 हजार 500 रुपए प्रति किसानों को दिया जाता है। इसमें 50 प्रतिशत किसानों को अनुदान के रूप में दिया जाता है। इस योजना को चालू करने के लिए किसान ललित चौघरी को राशि आंवटित की गई है। इसमें मशरूम उत्पादन के लिए ललित ने विभाग द्वारा निर्धारित 1500 स्क्वायर फीट में 50 फीट लंबा 30 फीट चौड़ी झोपड़ी का निर्माण किया है। इसमें एक हजार से अधिक मशरूम कीट लगाना है। उन्होंने बताया कि एक किलो मशरूम की कीमत बाजार में 250 से 300 रुपए प्रति किलो है। उन्होंने मशरूम की खेती करने के लिए प्रेरित किया। अगवानपुर कृषि केंद्र के हार्टिकल्चर वैज्ञानिक डॉ. विकास कुमार ने कहा मशरूम एक ऐसी सब्जी है जिसमें प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाई जाती है। यह हृदय रोग, डायबिटीज, कैंसर, कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। लोगों को सप्ताह में कम से कम तीन दिन अवश्य मशरूम खाना चाहिए। यह बिल्कुल निरामिष पदार्थ है। प्रखंड कृषि उद्यान पदाधिकारी ने भी किसानों को मशरूम उत्पादन के लिए आगे आने का आह्वान किया। मौके पर सत्यनारायण प्रसाद, दिवाकर प्रसाद शर्मा, दामोदर कुमार, नवल कुमार चौधरी, रविन्द्र कुमार मल्लिक, कमलेश्वरी मैरता, मनोज कुमार सिन्हा, चंद्रदेव मंडल थे।

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