मध्यप्रदेश में ठिठका मानसून, बिहार को अभी और करना पड़ेगा बारिश का इंतजार
पटना। तपिश से बेहाल बिहार के लोग बादलों के बरसने की आस में हैं और मानसून के बादल मध्यप्रदेश व राजस्थान में बरस रहे हैं। दरअसल, मानसून ट्रॉफ की धुरी अभी राजस्थान के अनूपगढ़ से लेकर मध्यप्रदेश होते हुए...
पटना। तपिश से बेहाल बिहार के लोग बादलों के बरसने की आस में हैं और मानसून के बादल मध्यप्रदेश व राजस्थान में बरस रहे हैं। दरअसल, मानसून ट्रॉफ की धुरी अभी राजस्थान के अनूपगढ़ से लेकर मध्यप्रदेश होते हुए उड़ीसा तक फैली है। यह झारखंड में चाइबासा के आसपास भी सक्रिय है लेकिन बिहार के हिस्से इस ट्रॉफ व इसके प्रभावों से अछूते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, अभी अनूपगढ़, सीकर, ग्वालियर, सिद्धी, अंबिकापुर, चाइबासा और बालासोर तक इसका प्रसार है। इन इलाकों में अच्छी बारिश हो रही है और बिहार में मानसून के सक्रिय होने के फिलहाल कोई आसार नहीं हैं।
सीयूएसबी के असिस्टेंट प्रोफेसर और इंडियन मेट्रोलॉजिकल सोसायटी के बिहार चैप्टर के सचिव डा. प्रधान पार्थ सारथी ने बताया कि बंगाल की खाड़ी की ओर कम दबाव का क्षेत्र बना है। लेकिन वह इतना सशक्त और प्रभावी नहीं हो सका है कि बिहार के विभिन्न हिस्से में अच्छी बारिश करा सके। हालांकि, हवा की गति और दिशा, तापमान का प्रभाव और अन्य अनुकूल परिस्थितियां बनती हैं तो यह अब भी प्रभावी हो सकता है। उन्होंने कहा कि परिस्थितियों के अध्ययन से साफ स्पष्ट है कि जुलाई में बारिश को लेकर स्थिति अच्छी नहीं रहेगी लेकिन अगस्त में यह गंगेटिक रिजन में फिर से सक्रिय हो जाएगा।
पारे में मामूली गिरावट
शुक्रवार को पटना सहित राज्य के अन्य हिस्से में आंशिक बादल दिखे लेकिन गर्मी से राहत नहीं मिली। कहीं-कहीं बूंदाबांदी हुई। पटना के पारे में 1.4 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई और अधिकतम तापमान 36.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। गया में अधिकतम पारा 36.9, भागलपुर में 36.2 और पूर्णिया में 34.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।