बिहार के इस जिले में 3 साल में बढ़ गए 4 गुना से भी अधिक विटामिन डी के मरीज, सामने आई बड़ी वजह
भागलपुर में बीते तीन सालों में विटामिन डी के मरीजों की संख्या में करीब साढ़े चार गुना तक की वृद्धि हुई है। कोरोना काल के बाद से ही साल-दर-साल इसके आंकड़े भयावह होते जा रहे हैं।
भागलपुर में बीते तीन सालों में विटामिन डी के मरीजों की संख्या में करीब साढ़े चार गुना तक की वृद्धि हुई है। कोरोना काल के बाद से ही साल-दर-साल इसके आंकड़े भयावह होते जा रहे हैं। इसका असर सीधे तौर पर लोगों को प्रभावित कर रहा है। लगातार लोगों के बाल झड़ रहे हैं। उनमें उदासी की भावना बढ़ रही है।
कोरोना के बाद से तेजी से बढ़े विटामिन डी की कमी के मामले
दरअसल, धूप व खाने में कैल्शियमयुक्त खाद्य पदार्थों को शामिल नहीं करने से लोगों में विटामिन डी की कमी हो रही है। विटामिन डी की कमी से न केवल हड्डियां कमजोर हो रही है, बल्कि लोगों के बाल तक झड़ रहे हैं। आलम ये है कि जिनके बाल झड़ रहे हैं, उनमें लगातार उदासी भी बढ़ रही है। मायागंज अस्पताल में आउटसोर्सिंग एजेंसी के रूप में पैथोलॉजी जांच लैब के आंकड़े बताते हैं कि जब से कोरोना ने दस्तक दी है, तब से साल दर साल विटामिन डी की कमी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। बीते तीन साल (साल 2020 से अब तक) में विटामिन डी की कमी के मरीजों की संख्या में करीब साढ़े चार गुना तक की वृद्धि हुई है।
इस साल औसतन 425 मरीज हर माह मिल रहे
मायागंज अस्पताल के पैथोलॉजी सेंटर के एमडी प्रशांत कुमार सिंह बताते हैं कि साल 2020 की शुरुआती तिमाही में विटामिन डी के करीब 90 मरीज हर महीने मिल रहे थे। कोरोना के बाद हर साल विटामिन डी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। साल 2021 में विटामिन डी की कमी वाले 163 मरीज प्रतिमाह, साल 2022 में 330 मरीज प्रतिमाह मिले। इस साल 425 मरीज प्रतिमाह की औसत से मिल रहे हैं।
मायागंज में 12 से 15 प्रतिशत बढ़ी पोस्ट कोविड की संख्या
मायागंज अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों में पोस्ट कोविड की संख्या 12 से 15 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है। हड्डी रोग विभाग के ओपीडी के आंकड़े बताते हैं कि ओपीडी में इलाज कराने वाले कुल मरीजों में से 25 से 30 मरीज ऐसे होते हैं, जिनमें विटामिन डी की शिकायत पाई जा रही है। बड़ी बात ये कि विटामिन डी की कमी वाले ज्यादातर मरीजों को पूर्व में कोरोना हो चुका होता है।
बाल झड़ने वालों में डिप्रेशन या एंजाइटी की समस्या ज्यादा
त्वचा एवं सौंदर्य रोग विशेषज्ञ डॉ. दिव्या सिंह बताती हैं कि जिन लोगों में बाल झड़ने की समस्या पाई जा रही है, उनमें डिप्रेशन या फिर एंजाइटी की समस्या प्रमुख रूप से दिख रही है। इसके अलावा पूरी नींद लेने के बावजूद उनमें थकान की समस्या मिलती है। काउंसिलिंग में पता चला है कि हर 10 में तीन मरीजों में एंजाइटी या डिप्रेशन का कारण उनके बाल का झड़ना होता है। वहीं सात मरीजों को कोरोना व अन्य कारणों से डिप्रेशन या फिर एंजाइटी की समस्या होती है। ऐसे में एंजाइटी, थकान या फिर डिप्रेशन की समस्या मिलने पर उन्हें काउंसिलिंग की विशेष जरूरत होती है। ऐसे में लोगों को चाहिए कि वे सूर्योदय के समय कम से कम दस मिनट तक धूप में जरूर टहलें।