Hindi Newsबिहार न्यूज़Two women beneficiaries of the Bihar Government Civil Sewa Protsahan Yojna crack UPSC

नीतीश सरकार ने दी थी 24 लड़कियों को 1-1 लाख की मदद, 2 पास कर गईं UPSC

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शुरू की गई सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना के जरिए एक-एक लाख रुपए की मदद पाने वाली 24 लड़कियों में दो ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा पास कर ली है।

हिन्दुस्तान टाइम्स रीना सोपम, पटनाWed, 17 April 2024 03:12 PM
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संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 2023 की सिविल सेवा परीक्षा में बिहार सरकार की सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना से एक लाख रुपए की मदद पाने वाली दो लड़कियां चयनित हो गई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा शुरू की गई इस योजना से 2023 की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए बिहार की कुल 24 महिलाओं को एक-एक लाख रुपए की निर्धारित आर्थिक सहायता दी गईं थी। इन 24 में से दो लड़कियां यूपीएससी रिजल्ट में सेलेक्ट हो गई हैं। पटना की दीप्ति मोनाली को यूपीएससी में 184वां रैंक आया है और संभावना है कि उन्हें आईएएस या आईपीएस सेवा मिले। दूसरी लड़की पटना की ही कृति कामना हैं जिन्हें 417वां रैंक मिला है। कृति के रैंक को देखते हुए संभावना है कि उन्हें अखिल भारतीय सेवाओं में कोई सर्विस मिल सकती है। दीप्ति सामान्य वर्ग की महिला हैं जबकि कृति पिछड़े वर्ग से हैं।

सिविल सेवा प्रोत्साहन बिहार की मुख्यमंत्री नारी शक्ति योजना का हिस्सा है जिसके तहत समाज कल्याण विभाग का बिहार राज्य महिला विकास निगम उन महिलाओं को एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता देता है जो बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) या संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा पास कर गई हों और मुख्य परीक्षा की तैयारी के लिए आर्थिक सहायता चाहती हों। 2021 में शुरू की गई इस योजना का लाभ सामान्य, पिछड़ी, अति पिछड़ी और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की लड़कियों को मिल रहा है। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि यूपीएससी द्वारा आयोजित 2023 की सिविल सेवा परीक्षा के लिए पूरे राज्य की 24 महिलाओं को आर्थिक मदद दी गई थी जिनमें सभी वर्ग के कैंडिडेट थे। अधिकारी ने बताया कि इनमें दो महिलाओं ने सफलतापूर्वक यूपीएससी के जारी नतीजे में अंतिम रूप से सेलेक्ट कैंडिडेट में अपनी जगह बनाई है।

19वां रैंक लाकर आईएएस बनेंगे समस्तीपुर के शिवम कुमार, पिछले साल आईआरएस मिला था

समस्तीपुर जिले के बिथान निवासी शिवम कुमार को 19वां रैंक मिला है। शिवम को पिछले साल सिविल सेवा परीक्षा में 319वां रैंक मिला था और उन्हें भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) मिला था। आईएएस बनने के लिए शिवम ने 2023 में चौथी बार यूपीएससी परीक्षा दी और इस बार बेहतरीन रैंक मिला है जिससे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में जाने का उनका सपना पूरा हो जाएगा। शिवम के पिता प्रदीप टिबरीवाल की बिथान में दवा की दुकान है। बिथान से मैट्रिक और मुजफ्फरपुर से इंटर के बाद शिवम कोटा गए और वहां से आईआईटी, खड़गपुर पहुंचे। बी.टेक. के बाद तीन साल बजाज में काम किया। कोविड के समय नौकरी छोड़कर यूपीएससी की तैयारी में जुटे और अब आईएएस बनेंगे।

औरंगाबाद के विरुपक्ष विक्रम सिंह को 49वां रैंक, आईएएस मिलना पक्का

औरंगाबाद के विरुपक्ष विक्रम सिंह को यूपीएससी नतीजों में 49वां रैंक मिला है जिससे उनको आईएएस सेवा मिलना पक्का है अगर वो उनकी पहली पसंद होगी। विरुपक्ष के दादा अभय कुमार सिंह पटना हाईकोर्ट में बड़े मशहूर वकील रहे हैं। विरुपक्ष के पिता विनीत विनायक 1995 बैच के आईपीएस अफसर हैं और इस समय सिक्किम में डीजी के पद पर तैनात हैं। विनीत विनायक पटना में सीबीआई के संयुक्त निदेशक पद पर भी काम कर चुके हैं। विरुपक्ष की मां प्रियंका सिंह दिल्ली के दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में गणित की टीचर हैं। शिवम की तरह विरुपक्ष ने भी पिछली बार 392वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर किया था लेकिन उन्हें रेलवे सर्विस मिला था जिससे वो संतुष्ट नहीं थे।

बक्सर के सिद्धांत कुमार भी बनेंगे आईएएस, यूपीएससी में 114वां रैंक

बक्सर के सिद्धांत कुमार को 114वां रैंक मिला है और पहली पसंद की सेवा के तौर पर उनको आईएएस मिल सकता है। सिद्धांत के पिता श्यामनंदन सिंह पटना के कंकड़बाग में एक हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। पटना के डीएवी स्कूल से पढ़ाई के बाद सिद्धांत ने केरल से इंजीनियरिंग की डिग्री ली। यूपीएससी पास करने से पहले उन्होंने बीपीएससी पास किया था और उन्हें वाणिज्य कर विभाग में सहायक आयुक्त पद पर तैनाती मिली थी।

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