शिक्षक बहालीः BPSC और शिक्षा विभाग की बैठक में नहीं बनी बात, आज फिर मीटिंग; कब निकलेगा विज्ञापन?
शिक्षक नियुक्ति के प्रावधान में शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। वर्ष 2019 या उसके बाद जिन विषयों में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) नहीं ली गयी है, उन विषयों में आयु सीमा में छूट होगी।
बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षक बहाली के लिए बीपीएससी और शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के बीच सोमवार को नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर बैठक हुई। लेकिन सभी बिंदुओं पर फैसला नहीं हो पाया। इसलिए बैठक मंगलवार को भी होगी। बीपीएससी द्वारा तैयार प्रारूप पर सहमति नहीं बन पाई। हालांकि विज्ञापन के मुद्दों पर मुहर लगी। आवेदन प्रक्रिया इसी सप्ताह से शुरू होगी। परीक्षा में नगेटिव मार्किंग का प्रावधान भी रहेगा।
बैठक में परीक्षा पैटर्न सहित नियुक्ति से जुड़े सभी मामलों पर चर्चा हुई। दो घंटे से अधिक समय तक बैठक चली पर बीपीएसएसी के नए प्रारूप पर सहमति नहीं बन सकी। आयोग के अध्यक्ष अतुल प्रसाद की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षा विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग सहित बीपीएससी के अधिकारी शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, शिक्षक नियुक्ति में बीएड सत्र 2021-23 के वैसे एपीयरिंग छात्र भी आवेदन कर सकेंगे जो सीटेट या बीटेट या समकक्ष परीक्षा पास हैं।
जिन विषयों में एसटीईटी नहीं उनमें 10 वर्ष की छूट
शिक्षक नियुक्ति के प्रावधान में शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव किया है। वर्ष 2019 या उसके बाद जिन विषयों में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) नहीं ली गयी है, उन विषयों में एसटीईटी एवं समकक्ष परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को शिक्षक बहाली में अधिकतम आयु सीमा में 10 साल की छूट मिलेगी।
सोमवार को विभाग ने इससे संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। विभाग के संयुक्त सचिव संजय कुमार द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2023 के नियम-5 (वी) में आयु सीमा में छूट से संबंधित प्रावधान निर्धारित किया गया है। इस फैसले से बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों को फायदा होगा।
सीएम नीतीश कुमार भी हैं सक्रिय
इस बार कक्षा 1 से 12 तक 1 लाख 70 हजार 461 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। शिक्षा विभाग ने तय कर दिया है कि नियोजित शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होने के लिए उम्र सीमा की बाध्यता नहीं होगी। किसी भी उम्र के नियोजित शिक्षक इस परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। लेकिन नियोजित शिक्षकों ने परीक्षा में बैठने से साफ मना कर दिया है। उनका आन्दोलन जारी है। सीएम नीतीश कुमार खुद शिक्षक बहाली को लेकर चिंतित हैं क्योंकि चुनाव में उन्हें खामियाजा भुगतने की चेतावनी दी गई है। नियोजित शिक्षक अपनी सेवा काल से आधार पर विभागीय परीक्षा से सरकारी कर्मी का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। जबकि सरकार उन्हें बीपीएसएसी द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग लेने को कह रही है।
बीई/बीटेक पास बनेंगे कंप्यूटर शिक्षक, बीएड की डिग्री जरूरी नहीं
करीब 7 हजार कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विभाग ने अर्हता अधिसूचित कर दी है। बीई-बीटेक वाले उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षक बन पाएंगे। उन्हें बीई और बीटेक के साथ किसी विषय में स्नातकोत्तर या डिप्लोमा जरूरी होगी।कक्षा 9 से 10 के लिए गणित के साथ भौतिकी/ इलेक्ट्रॉनिक्स/ कंप्यूटर /रसायन /सांख्यिकी में से कोई दो स्नातक स्तर पर हो अथवा इंजीनियरिंग से स्नातक जिसमें गणित की विशेषज्ञता हो। वहीं, जंतु व वनस्पति विज्ञान एवं रसायनशास्त्रत्त् की पढ़ाई की हो या इंजीनियरिंग से स्नातक जिसमें विज्ञान विशेषज्ञता हो। एससी/एसटी, अत्यंत पिछड़ा व पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांग को न्यूनतम अर्हतांक में 5 की छूट देय होगी। बीएड की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।
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