सुभाष यादव समेत कई लोग लालू की मनी लॉन्ड्रिंग मशीन, ईडी छापेमारी के बीच सुशील मोदी का आरोप
सुशील मोदी ने कहा कि जब भी ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियां लालू परिवार के करीबियों के यहां छापेमारी करती है, तब करोड़ों रुपये की हेराफेरी का पता चलता है।
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी बालू कारोबारी सुभाष यादव के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी से बिहार का सियासी पारा गर्मा गया है। पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि सुभाष समेत दर्जन भर लोग लालू की मनी लॉन्ड्रिंग मशीन हैं। उन्होंने कहा कि बालू माफिया सुभाष यादव, अरुण यादव, भोला यादव, पूर्व विधायक अबू दोजाना और शराब-कारोबारी विनोद जायसवाल जैसे लोग लालू-राबड़ी परिवार की बेनामी संपत्ति और कालेधन के लिए वाशिंग मशीन का काम करते हैं। आयकर (आइटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जैसी केंद्रीय एजेंसियां जब भी लालू की किसी मनी लॉड्रिंग मशीन पर हाथ रखती हैं, तब करोड़ों के कालेधन का पता चलता है।
सुशील मोदी ने कहा कि INDIA गठबंधन भ्रष्टाचार के खिलाफ ऐसी कार्रवाई का जवाब देने के बजाय उलटे जांच पर ही सवाल उठाता है। जिस सुभाष यादव के परिसरों पर ईडी की टीम पहुंची, उन्होंने 13 जून 2017 को एक ही दिन में राबड़ी देवी के तीन फ्लैट 1 करोड़ 72 लाख रुपये में खरीद लिए थे। यह डील राबड़ी देवी की संपत्ति को जांच एजेंसियों के रडार से बाहर रखने की नीयत से हुई थी।
उन्होंने कहा कि आरजेडी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सुभाष यादव को झारखंड के चतरा से टिकट दिया था। इनकी ब्रॉडसन्स प्राइवेट लिमिटेड सहित तीन कंपनियों को लालू प्रसाद और प्रेमचंद गुप्ता का संरक्षण मिला हुआ है।
बता दें कि ईडी ने सुभाष यादव के पटना, रांची समेत कई जगहों पर कुल 8 ठिकानों पर शनिवार को एक साथ छापेमारी की। उनपर अवैध बालू खनन के जरिए राजस्व चोरी करने और अकूत संपत्ति बनाने के आरोप हैं। ईडी टीम को शनिवार शाम तक सुभाष के दो घरों से 2 करोड़ रुपये कैश मिले। इसके अलावा कई बेनामी संपत्तियों के कागजात मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।