Hindi Newsबिहार न्यूज़Solor Eclipse 2020 Amazing astronomical sight in sky silence on patnae streets dip of faith in Ganges

Solor Eclipse 2020: अरे देखो, सूर्य अंगूठी की तरह दिखने लगा

अरे देखो। अंधेरा छाने लगा। सूर्य को चंद्रमा धीरे-धीरे ढंक रहा है। अब तो अंगूठी की तरह दिखने लगा। श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र परिसर में लोग उत्सुकतावश कुछ इसी तरह प्रतिक्रिया दे रहे थे। सदी के सबसे लंबे...

Malay Ojha पटना, हिन्दुस्तान टीम, Sun, 21 June 2020 02:13 PM
share Share

अरे देखो। अंधेरा छाने लगा। सूर्य को चंद्रमा धीरे-धीरे ढंक रहा है। अब तो अंगूठी की तरह दिखने लगा। श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र परिसर में लोग उत्सुकतावश कुछ इसी तरह प्रतिक्रिया दे रहे थे। सदी के सबसे लंबे सूर्य ग्रहण का गवाह बनने की खुशी भी उनके मन में दिखी। 

विज्ञान केंद्र आम दर्शकों के लिए बंद है। ग्रहण देखने के लिए भी दर्शकों की इंट्री पर प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन उत्सुकता ऐसी रही कि कुछ दर्शक विज्ञान केंद्र पहुंच गए और वे इस अद्भुत-अलौकिक नजारे को देख बेहद खुश नजर आए। ग्रहण समाप्ति तक दर्शकों ने इसका लुत्फ उठाया।

रविवार को लगा सूर्य ग्रहण अनोखा रहा। बिल्कुल दूध की चांद की तरह दिखाई दिया। दर्शक इस आकर्षक नजारे को श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र में उत्साह पूर्वक देखा। दर्शकों के बीच इस सुंदर नजारे देखने को लेकर काफी कौतूहल भरा माहौल रहा। श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र की ओर से इस लंबे समय के सूर्य ग्रहण को दिखाने के लिए विज्ञान केंद्र परिषर में विशेष इंतजाम  किये गए थे। दो-दो टेलिस्कोप लगाए गए थे। सैकड़ों सोलर गुगल्स, वेल्डिंग ग्लास की सुविधा बहाल की गई थी। ताकि दर्शक इसकी मदद से सूर्य की सुंदर झलक को देख सके। 

12 बजकर 25 मिनट पर पूर्ण प्रभाव में रहा ग्रहण
सुबह 10 बजकर 37 मिनट पर ग्रहण शुरू हुआ। दिन के 12 बजकर 25 मिनट पर यह ग्रहण पूर्ण प्रभाव में दिखाई दिया। इस समय सूर्य का 90 फीसदी भाग चांद में छिपा रहा। इस समय सूर्य रिंग की तरह गोलाकार नजर आया। यह दृश्य कुछ मिनट तक दिखाई दिया। उसके बाद धीरे-धीरे इसका प्रभाव कम होता गया और 2 बजकर नो मिनट पर ग्रहण पूरी तरह समाप्त होकर सूर्य अपने स्वरूप में आ गया। शुरुआत में बादलों की लुकाछिपी के कारण ग्रहण बिल्कुल ही नहीं दिखाई दे रहा था। टेलीस्कोप से बार-बार देखने की कोशिश हो रही थी, लेकिन नजारा कुछ साफ नहीं दिख रहा था। पूरा नजारा साढ़े 12 बजे दिखा। 

वैज्ञानिक चकित रह गए
श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक विश्वनाथ गुप्ता ने कहा कि 30 साल से ग्रहण देखने आ रहे हैं, लेकिन ऐसा नजारा पहली बार देखनो को मिला है। सूर्य दूध की चांद की तरह दिखा। 

फेसबुक पर ग्रहण को दिखाया गया
विज्ञान केंद्र में ग्रहण दिखाने के लिए फेसबुक लाइव की वयवस्था थी। कई दर्शक इससे भी जुड़े। उन्हें भी ग्रहण के दृश्य को दिखाया गया। इस घटना की पूरी जानकारी दी गई। 

ग्रहण खगोलीय घटना है
विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अमिताभ और आफताब हुसैन ने बताया कि सूर्य ग्रहण एक खोगलीय घटना है। इसमें चंद्रमा घूमते-घूमते पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है। इस कारण पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया पड़ती है। जिस जगह छाया पड़ती है, वहां अंधेरा हो जाता है। सूर्य दिखाई नहीं देता है। 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें