Shravani Mela: मिट्टी की सुराही से साल में 48 बार वैद्यनाथ को चढ़ाते हैं फलाहारी बाबा, वर्षों ने रोटी नहीं खाई
भोलेनाथ के प्रति उनके इतनी श्रद्धा है कि हर सप्ताह सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर पैदल देवघर की यात्रा करते हैं और जलाभिषेक करने के बाद फिर सुल्तानगंज लौट जाते हैं। वह भोले की भक्ति में पूरी तरह से रम गए ।
आज मंगलवार से सावन का पवित्र माह शुरू हो गया। इसके साथ ही देश भर में गंगा जल एवं अन्य नदियों के पवित्र जल से भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक शुरू हो गया। बिहार में पहलेजा स्थित गंगा घाट से जल लेकर शिवभक्त मुजफ्फरपुर स्थित बाबा गरीब नाथ का जलाभिषेक करते हैं तो दूसरी ओर सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा से जल भरकर झारखंड के देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करते हैं। आज हम एक ऐसे अनोखे शिव भक्त के बारे में बता रहे हैं जो पिछले 40 वर्षों से हर सप्ताह पदयात्रा कर बाबा बैजनाथ का जलाभिषेक करते आ रहे हैं।
आस्था के शिखर पर बैठे यह शिव भक्त हैं राजू यादव। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन्हें लोग सुराही बाबा और फलाहारी बाबा कहकर भी बुलाते हैं। राजू यादव जमुई जिले के रहने वाले हैं। भोलेनाथ के प्रति उनके इतनी श्रद्धा है कि हर सप्ताह सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर पैदल देवघर की यात्रा करते हैं और जलाभिषेक करने के बाद फिर सुल्तानगंज लौट जाते हैं। वह भोले की भक्ति में पूरी तरह से रम गए हैं।
राजू यादव की उम्र लगभग 70 साल होगी। उन्होंने अपना पूरा जीवन भगवान की सेवा में समर्पित कर दिया। इसलिए अपना उम्र भी नहीं बता पाते। कांवर पर दोनों और मिट्टी की सुराही में गंगा जल लेकर पदयात्रा करते उनकी दिनचर्या बन गई है। राजू यादव ने बताया कि वह फलाहारी हैं। 40 सालों से उन्होंने अनाज का एक दाना नहीं खाया। उन्होंने रोटी चावल जैसा भोजन बिल्कुल छोड़ दिया। केवल फल और जल के सहारे जीते हैं। लगातार पैदल चलते रहने के कारण स्वस्थ भी हैं।
जब उनसे पूछा गया कि आजकल लोग प्लास्टिक या धातु के बर्तन में जलाकर अभिषेक करते हैं तो इस पर राजू यादव ने कहा कि मिट्टी पवित्र होता है और मिट्टी में जल ठंडा भी रहता है। इसलिए बाबा सुराही के जल से ज्यादा प्रसन्न होते हैं। कई बार लोग उन्हें सुराही बाबा कह कर संबोधित करते हैं। राजू यादव ने बताया कि उन्हें कोई कष्ट भी नहीं होता।