B.Ed पास 3.90 लाख शिक्षक अभ्यर्थियों को झटका! प्राइमरी टीचर रिजल्ट पर रोक, BPSC-शिक्षा विभाग का फैसला
BPSC और शिक्षा विभाग की बैठक में फैसला लिया गया है कि 14 सितंबर को रिजल्ट जारी किया जाएगा लेकिन उसमें शिक्षक भर्ती में शामिल 3 लाख 90 हजार बीएड पास कर चुके अभ्यर्थियों का रिजल्ट शामिल नहीं होगा।
बिहार के तीन लाख नब्बे हजार बीएड पास शिक्षक अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है। बीपीएससी में मंगलवार को शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक हुई। बैठक में बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक, प्राथमिक और माध्यमिक के निदेशक के साथ बैठक हुई। इसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। बीएड के अभ्यर्थियों का रिजल्ट को लेकर शिक्षा विभाग कोर्ट में गई है। शिक्षा विभाग से निर्देश प्राप्त होने और कोर्ट के मार्गदर्शन के बाद ही बीएड के छात्रों का रिजल्ट जारी किया जाएगा। हालांकि उसके पहले माध्यमिक और उच्च माध्यमिक का रिजल्ट जारी किया जाएगा।
पटना में मंगलवार को BPSC और शिक्षा विभाग के बीच हुई बैठक हुई जिसमें अध्यक्ष अतुल प्रसाद और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के साथ बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अधिकारी भी शामिल हुए। इसी दौरान यह फैसला लिया गया है कि 14 सितंबर को रिजल्ट जारी किया जाएगा लेकिन उसमें शिक्षक भर्ती में शामिल 3 लाख 90 हजार बीएड पास कर चुके अभ्यर्थियों का रिजल्ट शामिल नहीं होगा। अभी सिर्फ डीएलएड पास अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया जाएगा। हालांकि यह साफ नहीं किया गया कि बीएड पास अभ्यर्थी प्राइमरी स्कूल में टीचर बनने के रेस से बाहर हो जाएंगे या उन्हें मौका मिलेगा। लेकिन फिलहाल जो मेरिट लिस्ट बन रहा है उससे वे बाहर हैं। इस बीच बिहार बोर्ड टीईटी का रिजल्ट भी जल्द जारी कर देगा ताकि अपियरिंग अभ्यर्थियों को लाभ मिल सके।
ऐसा निर्णय लेने के पीछे कारण बताया गया है कि बीएड पास अभ्यर्थियों के रिजल्ट का मामला कोरट में चल रहा है। दरअसल पिछले सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा जिसमें प्राइमरी स्कूल टीचर बहाली के लिए बीएड की योग्यता को समाप्त कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद बीएड कोर्स पूरा कर चुके अभ्यर्थी प्राइमरी शिक्षक के लिए योग्य नहीं होंगे। इस फैसले को बिहार में मान्य समझा जा रहा है। लेकिन विभाग ने मार्गदर्शन की मांग की है।
ताजा हालात में सिर्फ डीएलएड या बीटीसी कोर्स सफलता पूर्वक पूरा कर चुके पहली से पांचवें वर्ग तक पढ़ाने के लिए पात्र माने जाएंगे और सिर्फ उनकी बहाली प्राइमरी स्कूलों में की जाएगी। कुल मिलाकर बीपीएएससी और शिक्षा विभाग के इस फैसले से फिलहाल तीन लाख 90 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है।
इस बीच दूसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति की घोषणा जल्द होने वाली है। अनुमान है कि अक्टुबर में प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। उसमें वर्ग 6 से वर्ग आठ के शिक्षकों की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी। माना जा रहा है कि इसमें बीएड पास अभ्यर्थियों को मौका मिल सकता है। सीटेट पास बीएड अभ्यर्थियों को माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति में कुछ लाभ सकता है ऐसी संभावना जताई जा रही है।