Hindi Newsबिहार न्यूज़Sex Racket in Woman Remand home Patna Superintendent arrested after day long interrogation

पटना महिला रिमांड होम में सेक्स रैकेट चलाती थी अधीक्षिका, लड़कियों को करती थी टॉर्चर, गिरफ्तार

वंदना गुप्ता नशे का इंजेक्शन देकर अवैध धंधे में जाने को मजबूर करती हैं। विरोध करने पर उन्हें भूखा रखा जाता है। जनवरी माह में एक लड़की ने यह आरोप लगाया था। जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है।

Sudhir Kumar हिंदुस्तान, पटनाSun, 28 Aug 2022 10:34 AM
share Share

पटना पुलिस ने छह महीने तक हुई जांच के बाद आखिरकार गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षिका वंदना गुप्ता को शुक्रवार की दोपहर गिरफ्तार कर लिया। उन पर उत्तर रक्षा गृह की संवासिनों को नशे का इंजेक्शन देकर बाहर भेजने, उन्हें प्रताड़ित करने, शारीरिक और मानसिक शोषण सहित कई आरोप है। छह महीने से इस मामले की जांच पटना पुलिस की एसआईटी कर रही थी।

आरोपित अधीक्षिका को कोर्ट में पेश करने के बाद पुलिस ने जेल भेज दिया है। एसएसपी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों ने बताया कि पूछताछ के लिए वंदना गुप्ता को महिला थाने बुलाया गया था। वहीं, पुलिस ने उन्हें सबूतों को दिखाया। फिर महिला पुलिसकर्मियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन पर महिला थाने में दर्ज केस में हुए सुपरविजन को सही पाया गया था।


‘मैडम आपको गिरफ्तार किया जाता है, कोर्ट चलिए...’

महिला थाने में शनिवार की सुबह जब उत्तर रक्षा गृह की अधीक्षिका वंदना गुप्ता को बुलाया गया तो उन्हें जरा भी अहसास नहीं था कि कानून का शिकंजा उन पर कसने वाला है। पुलिस ने दोपहर के वक्त तक वंदना से पूछताछ की इसके बाद उन्हें कहा- मैडम आपको गिरफ्तार किया जाता है, कोर्ट चलिए...। यह सुनने के बाद वंदना के चेहरे का रंग उड़ गया। अब तक वह पुलिस की पूछताछ और कार्रवाई को हल्के में ले रही थीं। कई बार वंदना को इससे पहले भी पूछताछ के लिए थाने में बुलाया गया था। इस कारण गिरफ्तारी की बात उनके जहन में नहीं थी।

पुलिस टीम ने बकायादा वंदना को उन पर लगे आरोपों से संबंधित सबूतों की जानकारी भी दी। सूत्रों के मुताबिक पटना पुलिस के अधिकारियों ने बीते शुक्रवार को ही वंदना की गिरफ्तारी को लेकर महिला थाने की पुलिस को हरी झंडी दे दी थी। यह भी हिदायत दी थी कि किसी भी कीमत पर वंदना को उनकी गिरफ्तारी की भनक नहीं लगनी चाहिए, वरना वह फरार हो सकती हैं। फिर पुलिस को उन्हें ढूढ़ने में परेशानी होती। उन पर लगे आरोप संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है इस कारण पुलिस को वारंट की जरूरत भी नहीं पड़ी। लिहाजा पीड़िताओं के बयान और सबूतों व सुपरविजन रिपोर्ट के आधार पर ही वंदना को गिरफ्तार कर लिया गया।

जनवरी में उजागर हुआ था मामला 

मामला जनवरी में उजागर हुआ था। जबकि फरवरी में दो पीड़ितिओं के बयान पर अलग-अलग केस महिला थाने में दर्ज किए गए थे। पहला केस 13/22 जबकि दूसरा केस 17/22 दर्ज होने के बाद पटना पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश करने में जुट गयी थी। पटना पुलिस ने वंदना का मोबाइल व उनके कार्यलय से कुछ कागजात भी जब्त किये थे।

प्रकरण पर एक नजर

गायघाट स्थित उत्तर रक्षा गृह से निकली एक पीड़िता जनवरी में महिला थाने पहुंची थी। युवती का आरोप था कि अधीक्षक वंदना गुप्ता नशे का इंजेक्शन देकर अवैध धंधे में जाने को मजबूर करती हैं। विरोध करने पर उन्हें भूखा रखा जाता है। बाहर निकलने के बाद पीड़तिा वापस उत्तर रक्षा गृह जाने को तैयार नहीं थी। एक पीड़तिा के आरोप के बाद दूसरी भी सामने आयी। एक वीडियो भी वायरल हुआ जिसमें एक युवती ने आरोप लगाया था कि बंग्लादेश की रहने वाली महिला को यहां मरने पर मजबूर कर दिया गया। हालांकि वायरल वीडियो की पुष्टी हिन्दुस्तान नहीं करता। बाद में इस मामले में हाईकोर्ट ने भी संज्ञान में लिया। फिर मामले की जांच के लिए पटना पुलिस ने एसआईटी का गठन किया जिसका नेतृत्व सचिवालय एएसपी कर रही थीं।

समाज कल्याण विभाग ने दे दी थी क्लीन चिट

इस मामले के सामने आने के बाद समाज कल्याण विभाग ने आतंरिक जांच की थी। इस जांच में वंदना को क्लीन चिट दे दिया गया था। छानबीन में पीड़िताओं को ही गलत ठहरा दिया गया था।

रोते हुए कहा- ‘मुझे फंसाया जा रहा है...’

‘मुझे फंसाया जा रहा है। ये सब झूठ है’। वंदना ने महिला थाने की पुलिसकर्मियों के सामने अपनी दलील रखनी शुरू कर दीं। कुछ समय बाद वो रोने लगीं। इसके बाद महिला थाने की एक दारोगा उन्हें लेकर कोर्ट पहुंची।

एसएसपी ने क्या कहा

पटन एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने बताया कि  90 लड़कियों का बयान पटना पुलिस की एसआईटी ने लिया था। उनमें तीन ने वंदना पर गंभीर आरोप लगाये थे। उनका बयान कोर्ट में भी दर्ज करवाया गया था।


 

अगला लेखऐप पर पढ़ें