पटना: रंगदारी नहीं देने पर सड़क निर्माण कंपनी का काम रोका, सरेआम फायरिंग की, ग्रेनेड फेंका
नौबतपुर के सरासत गांव में रविवार दोपहर एक बजे रंगदारी को लेकर ताज इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नाम की सड़क निर्माण कंपनी के काम को अपराधियों ने रोक दिया तथा उसके कर्मियों को जमकर पीटा। दहशत फैलाने के लिए...
नौबतपुर के सरासत गांव में रविवार दोपहर एक बजे रंगदारी को लेकर ताज इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नाम की सड़क निर्माण कंपनी के काम को अपराधियों ने रोक दिया तथा उसके कर्मियों को जमकर पीटा। दहशत फैलाने के लिए फायरिंग भी की। यही नहीं, अपराधियों ने एक हैंड ग्रेनेड भी फेंका। संयोग था कि वह फटा नहीं। वरना बड़ी घटना घटना हो सकती थी।
इस दुस्साहसिक वारदात के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। आनन-फानन में पहुंची पुलिस ने अपराधियों द्वारा फेंके गए ग्रेनेड को जब्त कर लिया। हालांकि नौबतपुर थानेदार दीपक सम्राट का कहना है कि हैंड ग्रेनेड कारगर नहीं था। उसके सारे सामान पहले से निकाले हुए थे। ऐसा भी हो सकता है कि खराब ग्रेनेड का इस्तेमाल कंपनी के कर्मियों को डराने के लिए अपराधियों ने किया। दूसरी ओर, इस घटना की खबर मिलते ही मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है। पुलिस के बड़े अफसर इस पूरे मामले की छानबीन कर रहे हैं।
अचानक आए बाइक सवार अपराधी
कंपनी के कर्मियों ने पुलिस को जानकारी दी है कि पांच बाइक पर सवार अपराधी अचानक आ धमके और काम कर रहे कंपनी के ट्रैक्टर को रोक दिया। पहले उन्होंने कर्मियों के साथ गाली-गलौज की, फिर उनकी पिटाई की। कंपनी की गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। अपराधियों ने हवा में ही आधा दर्जन से अधिक गोलियां भी चलाईं। जाते वक्त हैंड ग्रेनेड फेंक दिया। वे अंजाम भुगतने की धमकी देते हुए वहां से भाग निकले। इस घटना के बाद डरे-सहमे कंपनी के कर्मियों ने फोन कर पुलिस को जानकारी दी। रंगदारी नहीं देने को लेकर इस तरह की घटना करने की बात सामने आ रही है।
दोबारा फन उठाने लगे अपराधी
नौबतपुर में अपराधी दोबारा फन उठाने लगे हैं। हालांकि पुलिस ने इस घटना को चुनौती के रूप में लिया है। रंगदारी मांगने और गोलीबारी करने वाले गिरोह को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी गई है। अपराधियों के पकड़े जाने के बाद ही यह पता चलेगा कि आखिर उनके पास हैंड ग्रेनेड कहां से आया।
हाल ही में मिला था हैंड ग्रेनेड
पुलिस टीम ने हाल ही में छोटू शर्मा नाम के अपराधी की गिरफ्तारी के वक्त हैंड ग्रेनेड बरामद किया था। एक महीने के भीतर दूसरी बार हैंड ग्रेनेड मिला है। सवाल यह है कि आखिर ग्रेनेड अपराधियों के हाथ कैसे लग रहे हैं।