ठाकुर के कुएं में पानी बहुत है, सबको पिलाना है; नीतीश की तरफ जाकर बोले आरजेडी विधायक चेतन आनंद
दरअसल चेतन आनंद सोमवार को नाटकीय अंदाज में तेजस्वी कैंप से निकलकर नीतीश खेमे में शामिल हो गए। राजद विधायकों की बैठक में तेजस्वी आवास चेतन आनंद पहुंचे तो उन्हें वही पर रोक लिया गया था।
नीतीश सरकार के फ्लोर टेस्ट के मौके पर राज्यसभा में आरजेडीके मनोज झा द्वारा पढ़ी गई कविता ठाकुर का कुआं एक बार फिर चर्चा में है। आरजेडी से विधायक बने चेतन आनंद ने अंतिम समय में नीतीश कुमार का दामन थाम लिया तो तेजस्वी यादव ने विधानसभा अपनी पार्टी के विधायक की क्लास लगा दी। जवाब में पूर्व सासंद आनंद मोहन के बेटे और शिवहर विधायक ने राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा की ठाकुर का कुआं कविता पाठ की याद दिला दी।
चेतन आनंद ने अपनी बात सोशल मीडिया हैंडल एक पर शेयर किया जिसमें उन्होंने बहुत छोटा सा संदेश दिया है। उन्होंने लिखा - ठाकुर के कुएं में बहुत पानी है सबको पिलाना है।
दरअसल चेतन आनंद सोमवार को नाटकीय अंदाज में तेजस्वी कैंप से निकलकर नीतीश खेमे में शामिल हो गए। शनिवार को राजद विधायकों की बैठक में तेजस्वी आवास पहुंचे चेतन आनंद को वही रोक लिया गया था। रविवार की रात अचानक पुलिस की फौज तेजस्वी आवास पर पहुंची। कहा गया कि चेतन आनंद के भाई ने उनके गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस की दबिश पर उन्हें बाहर भेजा गया। इसके साथ ही विधायक चेतन आनंद अपने परिवार से मिलने चले गए। लेकिन नीतीश कुमार के प्रभाव में आनंद मोहन परिवार ने खेला कर दिया। सोमवार को चेतन आनंद राजद के दो अन्य विधायक नीलम देवी और प्रहलाद यादव के साथ सत्ता पक्ष के साथ जाकर बैठ गए।
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तेजस्वी यादव गया बर्दाश्त नहीं हुआ बीच सदन में उन्होंने चेतन आनंद को छोटा भाई बताते हुए क्लास लगाई कहा कि जब कोई जगह देने वाला नहीं था उसे समय साथ दिया और आज सत्ता के साथ बैठ गए तेजस्वी यादव ने सड़े हुए शब्दों के साथ नरम लहजे में चेतन आनंद को गर्म कर दिया उसके बाद उनका ट्वीट सामने आया है।
चेतन आनंद ने तेजस्वी के बयान पर कहा कि तेजस्वी यादव मेरे बड़े भाई हैं। मैं अपने परिवार से मिलना चाह रहा था। मिलने नहीं दिया जा रहा था। कुछ अधिक समय तक रोका गया अंदर। लगातार मेरे पिता इस गठबंधन के लिये लगे हुए थे। मनोज झा ने जिस तरह से ठाकुर जाती को अपमानित किया और उनके परिवार को टारगेट करके बयान दिए जा रहे थे, वह बहुत दुखद है।
दरअसल राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बिहार में जातिगत गणना के समय सदन में कवि ओमप्रकाश वाल्मीकि की एक कविता का पाठ किया। कविता कुछ इस प्रकार है-
चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तालाब की
तालाब ठाकुर का।
भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का।
बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फ़सल ठाकुर की।
कुआँ ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत-खलिहान ठाकुर के
गली-मुहल्ले ठाकुर के
फिर अपना क्या?
गाँव? शहर? देश?
सियासी मकसद से मकसद से पढ़ी गई कविता पाठ के बाद घमासान मच गया। विधायक चेतन आनंद ने अपनी ही पार्टी के सांसद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। आनंद मोहन के परिवार ने आरोप लगाया कि ठाकुर विरादरी को अपमानित करने के लिए यह कविता बेवजह पढ़ी गयी। राजपुत समाज सड़क पर उतरने लगा। लालू यादव को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा। संभवतः चेतन आनंद ने तेजस्वी यादव को छोड़ने का मन तभी बना लिया था। मौके पर उन्होंने चौका ठोककर नीतीश खेमे की सहानुभूति बटोर लिया है।