उफान पर नदियां, हथेली पर जान; कराह में बैठकर नदी पार करने को मजबूर परिवार
बगहा के योगापट्टी प्रखंड में मदारपुर गांव के लोगों को नदी पार करने के लिए मीठा बनाने वाले करहा से सफर करना पड़ रहा है। जान हथेली प रखकर परिवार समेत लोग नदी पार करने को मजबूर हैं।
बगहा जिले के योगापट्टी प्रखंड के चौमुखा पंचायत के वार्ड नंबर-9 मदारपुर गांव के लोगों को जान हथेली पर लेकर नदी को पार करना पड़ रहा है। न नाव की सुविधा है, और नहीं कोई सरकारी मदद जिसके चलते ग्रामीण परिवार के साथ मीठा बनाने वाले कराह में सफल करने को मजबूर हैं। बारिश के इस मौसम में नदियां उफान पर हैं। भले ही विकास के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हों। लेकिन हकीकत एकदम अलग है।
दियारा गंडक क्षेत्र में जब पानी जब बढ़ जाता है तो लोग प्रतिदिन जान जोखिम में डालकर मीठा बनाने वाला कराह और चचरी से नदी पार करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि हम लोगों को प्रखंड मुख्यालय और इलाज के लिए अस्पताल जाने के लिए मीठा बनाने वाला कराह से नदी पार कर जाना पड़ता हैं। ग्रामीण प्रभावती देवी,माया देवी जोखन चौधरी ने कहा कि प्रखंड के अंचलाधिकारी के द्वारा यहां पर कभी निरीक्षण नहीं किया गया।और नाव की भी व्यवस्था नहीं की गई। हम लोगों को जब बीमारी होती है तो हम लोग रात में जाने के लिए मीठा के कराह से नदी पार करते हैं।
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अंचलाधिकारी के द्वारा हम लोगों के साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन लोगों ने बताया कि सीओ के द्वारा कोई भी राहत सामग्री नहीं पहुंचाई गई है। नदी में ज्यादा पानी के चलते हम लोगों के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव के लोग हर दिन प्रखंड मुख्यालय आते-जाते हैं। किसानों की खेतीबाड़ी दियारा में है। इन्हें भी नदी पार कर ही दियारा जाना पड़ता है। आजादी के दशकों बीत जाने के बावजूद यह इलाका सड़क एंव पुल सुविधा से वंचित है। वार्ड सदस्य हरेंद्र चौधरी ने बताया कि पुल के बिना उनलोगों का जीवन अधूरा है। जान हथेली पर रखकर मीठा बनाने वाले कराह से नदी पार करते हैं।