Hindi Newsबिहार न्यूज़Reservation limit in Bihar will increase by 15 percent approval of Nitish kumar cabinet

बिहार में आरक्षण का दायरा बढ़ाने को कैबिनेट की मंजूरी,परसों पेश होगा 60 से 75% करने का बिल

बिहार में आरक्षण बढ़ाने के प्रस्ताव को नीतीश कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गई।

Malay Ojha लाइव हिन्दुस्तान, पटनाWed, 8 Nov 2023 05:34 PM
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आरक्षण का दायरा बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इसके अनुसार सूबे में आरक्षण का दायरा 60 से बढ़ाकर 75 फीसदी करने पर सहमति प्रदान की गई। बिहार आरक्षण बिल 2023 को कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इसे विधानमंडल के दोनों सदनों से 9 नवंबर को पारित कराए जाने का प्रस्ताव है। इस बीच बीजेपी ने भी आरक्षण का दायरा बढ़ाए जाने के नीतीश कुमार के प्रस्ताव का समर्थन किया है।बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि सरकार आरक्षण के दायरे के बढ़ाने के जिस प्रस्ताव को लेकर सदन में आई है, भाजपा उसका समर्थन करेगी।

किसे कितना आरक्षण?
नीतीश कैबिनेट से पास बिल के अनुसार पिछड़ा वर्ग को 18 फीसदी, अति पिछड़ा वर्ग को 25 फीसदी, एससी को 20 फीसदी, एसटी को 2 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। विधानसभा में 9 नवंबर को विधेयकों के लिए दिन निर्धारित है। इस विधेयक को भी अन्य विधेयकों के साथ इसी दिन पारित कराया जाएगा। इसके अलावे कैबिनेट ने सतत जीवकोपार्जन योजना राशि में इज़ाफा पर मंजूरी दी है। इसके तहत सहयात राशि एक लाख से बढ़ाकर दो लाख करने की योजना है। राज्य मंत्रिमंडल की मुहर गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए दो-दो लाख रुपए देने और 63,850 आवासहीन परिवारों को जमीन के लिए एक-एक लाख रुपए देने पर भी लगी।

नीतीश ने क्या कहा?
इससे पहले सीएम नीतीश ने आज सदन में चर्चा के दौरान कहा कि बिहार में आरक्षण की सीमा बढ़ाने का विधेयक इसी सत्र में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानमंडल के दोनों सदनों में इसकी घोषणा की। सदन में चर्चा के दौरान नीतीश कुमार ने आरक्षण की सीमा 15 फीसदी बढ़ाकर 60 से 75 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया। इसके तहत एससी का आरक्षण बढ़ाकर 20 फीसदी और एसटी का आरक्षण दो फीसदी जबकि पिछड़ा-अति पिछड़ा का आरक्षण बढ़ाकर 43 फीसदी करने की योजना है। इसी में पिछड़ा वर्ग की महिलाओं को दिया जाने वाला तीन फीसदी आरक्षण भी समायोजित होगा।

'आकड़ों पर सवाल कैसे?'
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इसके पहले जाति आधारित गणना हुई ही नहीं तो फिर इसके आंकड़ों पर सवाल कैसे उठा सकते हैं? कैसे कह सकते हैं कि किसी जाति की संख्या कम हो गयी या फिर बढ़ गयी? यह सब बोगस बात है। इसका कोई आधार नहीं। ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। हमने तो केन्द्र से भी अनुरोध किया ता कि वो जाति गणना करा ले।

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