बीजेपी सांसद पर लाठीचार्ज मामले में बिहार डीजीपी समेत 7 अधिकारियों को कैसे मिली राहत? जानिए
भाजपा सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल सहित भाजपा के अन्य नेताओं पर हुए लाठीचार्ज मामले में बिहार डीजीपी, पटना के डीएम व वरीय पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों को तत्काल पेशी से राहत मिल गई है।
लोकसभा की विशेषाधिकार हनन समिति के समक्ष भाजपा सांसद जर्नादन सिंह सिग्रीवाल सहित भाजपा के अन्य नेताओं पर हुए लाठीचार्ज मामले में पुलिस महानिदेशक, पटना के जिलाधिकारी व वरीय पुलिस अधीक्षक सहित अन्य अधिकारियों को तत्काल पेशी से राहत मिल गई है। हालांकि, बाद में इन अधिकारियों को किसी भी समय बुलाया जा सकता है। इस मामले में लोकसभा के विशेषाधिकार हनन समिति के सामने डीजीपी समेत सात अधिकारियों को तलब किया गया था।
गुरुवार को तीन बजे ही पेशी होनी थी मगर उसके पहले ही राहत भरा पत्र आ गया। बिहार के अधिकारियों ने पत्र भेज कर तत्काल व्यक्तिगत उपस्थिति को रोके जाने की मांग की थी। जिसे लोकसभा सचिवालय ने स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में लोकसभा सचिवालय के उप सचिव की तरफ से गृह विभाग के संयुक्त सचिव (विशेष शाखा) को पत्र भी भेजा गया है।
गृह विभाग ( विशेष शाखा) के सूत्रों के अनुसार इस पत्र में कहा गया है कि अधिकारियों के अनुरोध को मान लिया गया है, मगर जरूरत के अनुसार भविष्य में किसी भी तारीख पर समिति इन अधिकारियों को अपने समक्ष बुला सकती है।
सूत्रों के अनुसार, लाठीचार्ज मामले में सभी अधिकारियों ने अपना लोकसभा सचिवालय को जवाब 17 सितंबर को भेज दिया है। इसके बाद ही लोकसभा सचिवालय ने इनकी व्यक्तिगत उपस्थिति पर रोक लगाई है। लोकसभा सचिवालय की ओर से पांच सितंबर को बिहार के सात अधिकारियों को पेश होने को को कहा था। इनमें डीजीपी आरएस भट्टी, पटना के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह, एसएसपी राजीव मिश्रा, सिटी एसपी मध्य वैभव शर्मा, पटना सदर की तत्कालीन एएसपी काम्या मिश्रा, सदर एसडीएम खांडेकर श्रीकांत कुंडलिक आदि शामिल हैं।