राज्यपाल विश्वनाथ आर्लेकर ने नीतीश सरकार का फैसला पलटा, बिहार विश्वविद्यालय के बैंक खातों से रोक हटी
बिहार विवि के ज्यादातर खाते एलएस कालेज के स्टेट बैंक शाखा में हैं। खातों में संचालन पर रोक से वेतन और पेंसन की निकासी पर भी खतरा हो सकता था। राजभवन के आदेश के बाद विश्वविद्यालय को बड़ी राहत मिली है।
राजभवन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए शिक्षा विभाग के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें विभाग ने बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के तीन बैंक खातों के परिचालन पर रोक लगा दिया था। ये खाते मुज़्ज़फ्फरपुर के भारतीय बैंक स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और सेंट्रल बैंक ने बिहार विवि जे खाते के संचालन पर रोक लगाई थी। राजभवन के प्रधान सचिव ने बिहार विवि के रजिस्ट्रार को पत्र लिख कर सूचना दी है कि शिक्षा विभाग के खाता संचालन पर रोक को अगले आदेश तक स्थगित किया जाता है। शिक्षा विभाग ने 17 अगस्त को इन तीन बैंकों में विवि के सभी खातों पर रोक का पत्र जारी किया था।
बिहार विवि के ज्यादातर खाते एलएस कालेज के स्टेट बैंक शाखा में हैं। खातों में संचालन पर रोक से वेतन और पेंसन की निकासी पर भी खतरा हो सकता था। राजभवन के आदेश के बाद विश्वविद्यालय को बड़ी राहत मिली है। रजिस्ट्रार डॉ संजय कुमार ने बताया कि राजभवन का फैसला विश्वविद्यालय के व्यापक हित में है। इससे कर्मियों को समय से वेतन और रिटार्ड कर्मियों को पेंसन दिया जा सकेगा। इसके आलावे अन्य काम भी संपन्न हो सकेंगे। परीक्षा विभाग का खाता भी एसबीआई में है।
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इस बीच बिहार विश्वविद्यालय और इसके कॉलेजों में पढ़ाई लिखाई को दुरुस्त करने और शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए अभियान शुरू हो गया है। गुरुवार को 40 टीमों ने बिहार विश्वविद्यालय के 40 कालेजों का औचक निरीक्षण किया। जांच के क्रम में शिक्षक और छात्रों की उपस्थिति के साथ-साथ क्लास में पठन-पाठन की सुविधा और प्रयोगशाला आदि की जांच हुई। निरीक्षण दल ने सभी प्राचार्यों को बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। कहा गया कि राजभवन के सभी निर्देशों का शत प्रतिशत पालन करना अनिवार्य है।